कोरोना काल में बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं। सरसों तेल कीमतें अब भी कम नहीं हुई है। लगभग पिछले छह माह की तुलना में 40 से 60 रुपये महंगा सरसों तेल बिक रहा है। लोगों ने सरसों तेल खरीदना कम कर दिया है। अभी भी विभिन्न ब्रांड के तेलों की कीमत ज्यादा है। सरसों तेल ग्राहकों को 160 रुपये कम में उपलब्ध नहीं है। लोग विभिन्न ब्रांड के सरसों तेल 160 से 180 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं।
दुकानदार ने कहा सिर्फ 5 रूपये प्रॉफिट पर बेच रहे सरसों तेल
एक दुकानदार ने बताया कि वे जितने में खरीदकर सरसों तेल लाते हैं, उसमें से पांच रुपया ज्यादा लेकर ग्राहकों को बेचते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को विभिन्न ब्रांडों के तेल 160 से 180 रुपये प्रति किलो उपलब्ध है। छह माह पूर्व तेल की कीमतें प्रति किलो 110 से 135 रुपये थी। इस कारण अब ग्राहक कम मात्रा में तेल खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरेाना काल में सरसों तेल की कीमतें बढ़ी है। उम्मीद जताई कि कोरोना वायरस का खतरा समाप्त होने पर काम घटेगी।
वहीं कई दुकानदारों ने बताया कि ऊपर से ही सामान के दामों इजाफा कर दिया गया है। जिससे फुटकर विक्रेता को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। जो ग्राहक किलो के हिसाब से सामान लेते थे। वो अब पाव से ही काम चला रहे हैं। सरसों तेल के कीमत में जहा चालीस से पचास रूपये की बढ़ोतरी हो गई। रिफाईन ने भी उछाल मार दिया है।
सरसों तेल पांच माह पूर्व बारह से रुपये टीन मिला करती थी। फिलवक्त इसकी कीमत 23 सौ रूपये में टीन मिल रही है।