Gujrat High Court: गुजरात हाईकोर्ट में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक कामकाजी महिला ने अपने पति की याचिका को चुनौती दी है। पत्नी ने गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में मुद्दा उठाया है कि महीने में दो वीकेंड अपने पति के घर जाना उसके वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने के बराबर है या नहीं। पति ने फैमिली कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि उसका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है उसकी पत्नी को उसके पास आने और रहने का निर्देश दिया जाए।
क्या है मामला?
दरअसल, महिला के पति ने फैमिली कोर्ट (Gujarat High Court) में एक याचिका दायर की थी। उसने अपनी याचिका में कहा था कि उसकी पत्नी उसे पर्याप्त समय नहीं दे रही है, जिसके कारण उसका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है। पति का कहना है कि बेटे के जन्म के बाद भी पत्नी माता-पिता के पास काम के बहाने से रहती है और महीने के दूसरे और चौथे वीकेंड के दिन उससे मिलने आती है जो पति को छोड़ने के दावे को चुनौती देती है। वो अपनी शादी की जिम्मेदारियों से भागती रही है जिसकी वजह से बच्चे के स्वास्थय पर भी प्रभाव पड़ता है। बता दें कि पति ने पिछले साल सूरत फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 का हवाला देते हुए याचिका दायर की थी। पति ने कहा था कि उसकी पत्नी को हर दिन उसके पास आने और रहने का निर्देश दिया जाना चाहिए। बता दें कि पारिवारिक कोर्ट ने पूरण सुनवाई की जरूरत का हवाला देते हुए महिला की याचिका को 25 सितंबर को खारिज कर दिया था। जिसके बाद महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
महिला ने कहा वो रिश्ते निभाने से पीछे नहीं हटीं
वहीं महिला की तरफ से हाईकोर्ट (Gujarat High Court) में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि धारा-9 वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने के निर्देश की अनुमति देती है। वो वीकेंड में नियमित पति के घर जाती है वो रिश्ते निभाने से पीछे नहीं हटी है। पत्नी ने कहा कि पति के द्वारा जो भी दावा किया गया है,वह झूठा है। हालांकि, फैमिली कोर्ट ने पत्नी के जवाब को खारिज कर दिया और कहा कि मामले की पूरी सुनवाई पूरी होने तक कोई फैसला नहीं लिया जा सकता।
हाईकोर्ट ने पति से मांगा जवाब
वहीं मामले को लेकर जस्टिस वीडी नानावटी की तरफ से पूछा गया कि अगर पति पत्नी को साथ रहने के लिए कहता है तो इसमें गलत क्या है। तो क्या इसमें उसे मुकदमा करने का अधिकार नहीं है। इन मुद्दों पर विचार करने की जरूरत है। फिलहाल कोर्ट (Gujarat High Court) ने पति को 25 जनवरी तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
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