दुर्गा पूजा पर कोई न रहे भूखा, इसलिए कोलकाता का ये Ngo लोगों को खिला रहा खाना

कोलकाता: कोरोना वायरस ने भारत समेत विश्व के 123 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है। वैश्विक कोरोना महामारी ने विश्व की आर्थिक व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। बीते छह से आठ महीनों के दौरान दस लाख से ज्यादा लोग मर गए हैं। वहीं पूरे देश में कोरोना महामारी के प्रकोप से लॉकडाउन हो गया। कोरोना की वजह से सभी के जीवन में व्यापक बदलाव आए हैं। न केवल हमारे निजी जीवन, बल्कि रिश्तो पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है।

साथ ही दसियों लाख लोग दोबारा से गरीबी रेखा से नीचे चले गए हैं।  कोरोना महामारी को सदी के बड़े संकटों के रूप। में याद रखा जाएगा। ये साल बीतने को है, लेकिन इस बीमारी ने अभी तक दुनियाभर में कई देशों में अपना आतंक फैलाना जारी रखा है। लोग इस बीमारी से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों रूप से प्रभावित हैं। आलम ये हो गया है कि अच्छा-खाने पहनने वाले भी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में एक संस्था है, जो इस आपदा के दौरान लोगों की सहायता कर रही है।

IHA फाउंडेशन जरुरतमंद लोगों को खिला रहा खाना

दुर्गा पूजा पर कोई न रहे भूखा, इसलिए कोलकाता का ये Ngo लोगों को खिला रहा खाना

बता दें कि, कोलकाता में एक NGO यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रहा है, कि दुर्गा पूजा के दौरान कोई भी व्यक्ति खाली पेट न सो पाए। भारत मानवीय सहायता (IHA) फाउंडेशन वंचितों और जरूरतमंदों को खाना खिला रहा है। साथ ही कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के खत्म होने के बावजूद भी भोजन के लिए संघर्ष कर रहे लोगों को सूखा भोजन बांट रहा है।

जानकारी के अनुसार, IHA फाउंडेशन के वालंटियर्स कोलकाता शहर की सड़कों पर जाकर कई ऐसे जरुरतमंद लोगों को खाना परोस रहे हैं, जोकि अपनी नौकरी छोड़ चुके हैं और उनके पास आजीविका कमाने का कोई भी साधन मौजूद नहीं है।

IHAफाउंडेशन के चेयरमैन ने कही ये बात

दुर्गा पूजा पर कोई न रहे भूखा, इसलिए कोलकाता का ये Ngo लोगों को खिला रहा खाना

वहीं चेयरमैन IHA सतनाम सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि, “हमने एक विशेष दुर्गा पूजा अभियान शुरू किया है, जिसमें कुछ लोग इस उत्सव के दौरान आनंद लेने के लिए बाहर निकल रहे हैं, तो वहीं अन्य कुछ लोग महामारी के कारण हुई तंगी के चलते अभी भी दो जून की रोटी जुटाने में नाकाम हो रहे हैं।” आपको बता दें कि, यह संस्था हॉस्पिटल, रेलवे स्टेशनों और आश्रय घरों के आसपास जरूरतमंदों को खिला रही है।

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