Pakistan Wants Friendship : भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा दुनिया को अपनी नापाक हरकतें दिखाता रहता है। इसी साल पाकिस्तान ने अपने दोगलेपन की चरमसीमा पार की थी। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे नाते तोड़ दिए थे और इतना ही नहीं पाकिस्तान का पानी भी बंद कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान अकड़ और अक्ल दोनों सही जगह आ गई थी। वहीं अब भारत के सख्त रवैये के चलते अब पाकिस्तान भी नरम रवैया अपना रहा है और दोस्ती (Pakistan Wants Friendship) का हाथ बढ़ा रहा है।
पाकिस्तान ने बढ़ाया भारत की तरफ दोस्ती का हाथ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने हाल ही में एक बार फिर भारत के साथ दोस्ताना व्यवहार (Pakistan Wants Friendship) और बातचीत की पेशकश की है। शाहबाज़ ने कश्मीर, आतंकवाद, सिंधु जल विवाद और व्यापार जैसे सभी मुद्दों को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की इच्छा जताई है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह प्रस्ताव शांति की एक ईमानदार कोशिश है या फिर वही विश्वासघात है जिसका सामना भारत पिछले कई दशकों से कर रहा है?
पाक पीएम शरीफ ने की बातचीत की पेशकश
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ़ ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की और कहा कि उनका देश शांति के लिए बातचीत (Pakistan Wants Friendship) को तैयार है। शाहबाज ने कहा कि हम शांति के लिए भारत के साथ बातचीत को तैयार हैं। शाहबाज ने कहा भारत ने हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ‘उसके अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं और हमेशा रहेंगे।
पहलगाम हमले के बाद तनाव बढ़ गया था
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को उनका धर्म पूछने के बाद गोली मार दी थी। इस आतंकवादी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था। वहीं तब से ही भारत ने पाकिस्तान के साथ सारे नाते तोड़ दिए है। इतना ही नहीं पाकिस्तान का पानी भी भारत ने रोक लिया था। साथ ही सिंधु जल संधि को भी रोक दिया था।
क्या भारत को सतर्क रहना चाहिए?
पाकिस्तान की हर शांति पहल के बाद भारत को सिर्फ़ दर्दनाक हादसे ही मिले है। रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में फिर से सक्रिय हो रहे हैं। जब तक पाकिस्तान अपनी बातों पर ठोस कार्रवाई नहीं दिखाता भारत को उसके बयानों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इसलिए भारत को कभी भी पाकिस्तान के साथ दोस्ती (Pakistan Wants Friendship) करने के लिए सोच-समझकर ही कदम उठाना चाहिए।
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