Gul Mohammad: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की जंग हमेशा से ही रोमांचक रही है, लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा खिलाड़ी भी था जिसने पहले भारत के लिए खेला और बाद में पाकिस्तान की टीम में शामिल हो गया? ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत है गुल मोहम्मद (Gul Mohammad) की! मुसलमान होने की वजह से उसने भारत छोड़कर पाकिस्तान का रुख किया और फिर वहां की टीम का हिस्सा बन गए।
भारत के लिए खेले कई मैच
हम बात कर रहे हैं गुल मोहम्मद (Gul Mohammad) की, जो पहले भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए। वजह? उनका मुस्लिम होना! भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहे गुल मोहम्मद (1921-1992) न केवल एक बेहतरीन बाएं हाथ के बल्लेबाज थे, बल्कि एक उत्कृष्ट क्षेत्ररक्षक भी थे।
उन्होंने भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला, जो क्रिकेट इतिहास में दुर्लभ उपलब्धियों में से एक है।
थम श्रेणी क्रिकेट में ऐतिहासिक रिकॉर्ड
1946-47 रणजी ट्रॉफी फाइनल में, जब बड़ौदा का स्कोर तीन विकेट पर 91 रन था, तब गुल मोहम्मद (Gul Mohammad) क्रीज पर आए और विजय हजारे के साथ ऐतिहासिक साझेदारी की। उन्होंने 319 रन की शानदार पारी खेली और दोनों बल्लेबाजों ने चौथे विकेट के लिए 577 रनों की भागीदारी की। यह रिकॉर्ड लगभग 60 वर्षों तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए भारत का सबसे बड़ा स्टैंड बना रहा। बड़ौदा ने इस मुकाबले में कुल 784 रन बनाए थे।
विभाजन के बाद गुल मोहम्मद (Gul Mohammad) पाकिस्तान चले गए और 1956 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। इससे पहले, उन्होंने भारत के लिए आठ टेस्ट मैच खेले थे।
विभाजन के बाद बदल गई Gul Mohammad की कहानी
1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा सिर्फ जमीन का ही नहीं, बल्कि लोगों और उनकी पहचान का भी था। ये क्रिकेट इतिहास की उन दिलचस्प कहानियों में से एक है, जहां एक खिलाड़ी देश बदलने पर मजबूर हो गया।
गुल मोहम्मद (Gul Mohammad) भारत में जन्मे, यहीं क्रिकेट खेले, लेकिन फिर पाकिस्तान की जर्सी पहनकर मैदान में उतरे। यह घटना न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों के लिए चौंकाने वाली थी, बल्कि इसने खेल में राजनीति और धर्म के दखल की ओर भी इशारा किया।
भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज भी हैं नाम
मोहम्मद (Gul Mohammad) उन गिने-चुने क्रिकेटरों में शामिल हैं, जिन्होंने दो देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उनका क्रिकेट करियर और ऐतिहासिक साझेदारी आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है।
क्रिकेट की दुनिया में अनोखी कहानी
ऐसे बहुत कम उदाहरण मिलते हैं जब कोई खिलाड़ी एक देश के लिए खेलकर दूसरे देश में चला जाए, और वो भी सिर्फ धर्म के आधार पर! इस खिलाड़ी की कहानी बताती है कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं और पहचान से जुड़ा एक जुनून है।