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12 वीं में हुआ फेल तो लोगों ने समझ लिया निकम्मा, अब PCS पास कर बना तहसीलदार

12 वीं में हुआ फेल तो लोगों ने समझ लिया निकम्मा, अब Pcs पास कर बना तहसीलदार

ज्यादातर यह कहा जाता है कि, छात्रों की काबिलियत उनके अंक से ही होती है। लेकिन बिल्कुल भी ऐसा नहीं है। अंक और परिणाम के आगे सैकड़ों जीत हासिल करने की संभावनाएं होती हैं, जो मौका मिलते ही सामने आती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है सिद्धांत कुमार की, जो 12वीं की कक्षा में फेल होते होते बचे थे। उनके इतने ज्यादा अंक कम थे कि, उन्हें ग्रेस देकर पास किया गया था।

उनका 12वीं का रिजल्ट बहुत ही खराब है, लेकिन वही सिद्धांत कुमार ने साल 2017 में यूपी पीसीएस यानी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की है। अब वह उत्तर प्रदेश में ही नायाब तहसीलदार के पद पर कार्य कर रहे हैं। जब उन्हें सफलता मिली तो लोगों को काफी हैरानी हुई कि, जो सिद्धांत कम अंक लाया था वह आज यहां तक पहुंच गया।

गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की पढ़ाई

सिद्धांत, प्रयागराज के छोटे से गांव कनौजा खुर्जी के निवासी है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने 12वीं अपने ही जिले के सीताराम सिंह इंटर कॉलेज से की। उन्हें 12वीं में अच्छे अंक नहीं मिले कि, वह मेडिकल से पढ़ाई कर सके। इसलिए उन्होंने नॉन मेडिकल से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। इसके लिए उन्होंने प्रयागराज के लिए क्रिश्चियन कॉलेज से बीएससी में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया है।

12 वीं में हुआ फेल तो लोगों ने समझ लिया निकम्मा, अब Pcs पास कर बना तहसीलदार

कई संघर्षों से गुजरना पड़ा

जब उनका बीएससी का फाइनल साल था, तो उन्हें कई घटनाओं का सामना भी करना पड़ा था। इस साल उनके भाई का एक्सीडेंट भी हो गया था। वह अपने भाई का ख्याल रखना चाहते थे, जिस वजह से पढ़ाई छोड़ कर तीन चार महीने हॉस्पिटल में ही रहे। इसके बाद घर की जिम्मेदारियां उनके ऊपर आ गई थी। अब सिद्धांत अपने भाई का होटल संभालने लगे और बाकी बचे समय में पढ़ाई करने लगे।

लोग बनाते थे मजाक

सिद्धांत ने अपने जीवन में कई तरह के संघर्ष किए हैं, लेकिन उनसे हार नहीं हो पाई। वह कहते हैं कि, एक समय ऐसा भी था जब उनके आस पड़ोस के लोग उनका मजाक बनाते थे। आज वह समाज की नजरों में सफल इंसान बन चुके हैं। उनके ऊपर सिद्धांत का कहना है कि, ” अतीत नहीं आप के वर्तमान के कार्य भविष्य ही तय करते हैं”. यूपीपीसीएस परीक्षा में 48 वी रैंक हासिल करने के बाद वह नायाब तहसीलदार बन गए।

 

12 वीं में हुआ फेल तो लोगों ने समझ लिया निकम्मा, अब Pcs पास कर बना तहसीलदार

जमाना उन पर हंसता रहा लेकिन उन्होंने अपने पक्के इरादों को नहीं छोड़ा और सबको मजबूर कर दिया, यह बताने के लिए कि वह भी कुछ कर सकते हैं। बता दें यूपीपीसीएस परीक्षा प्रांतीय सिविल सेवाओं और अन्य राज्य सेवाओं में राज्य सरकार के अधिकारियों की भर्ती के लिए आयोजित होती है। या परीक्षा पास करके उन्होंने बता दिया कि, यदि इरादे मजबूत हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है।

मेरा नाम उर्वशी श्रीवास्तव है. मैं हिंद नाउ वेबसाइट पर कंटेंट राइटर के तौर पर...