पिता चपरासी हैं और बेटी ने तमाम अभावों में रहते हुए इतिहास रच दिया। कहते हैं कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। जो मेहनत और पूरी निष्ठा से कामयाबी चाहता है, वह उसे पाकर ही रहता है। एक चपरासी की बेटी ने इसे साबित कर दिखाया है। 16 साल की अपेक्षा काले मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली है। उनके पिता तानाजी एक दफ्तर में चपरासी के तौर पर काम करते हैं।
वेतन में मुश्किल से चलता है घर
इस परिवार में पिता की तनख्वाह से घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता है। लेकिन इस बच्ची ने कभी भी इस बात को अनदेखा नहीं किया। इसलिए उसने कामयाबी पाने के लिए दोस्तों से किताबें उधार लेकर पढ़ाई की और देखते ही देखते पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिखाया। अपेक्षा ने अपनी लगन और मेहनत के दम पर एसएससी की परीक्षा में 98.2 प्रतिशत अंक लाकर देश भर में इतिहास रचने का काम कर दिया।
इस तरह से की परीक्षा की तैयारी
अपेक्षा ने फगर्सूयन कॉलेज में विज्ञान सब्जेक्ट को चुना और उसमें दाखिला ले लिया और अपनी तैयारी शुरू कर दी। इस बीच जहां उसने अपने दोस्तों से किताबें लेकर पढ़ाई की, वहीं यूटयूब का भी सहारा लिया। इस तरह से उसने इस परीक्षा में ऐतिहासिक अंक लाकर अपने प्रदेश व परिवार का नाम रोशन कर दिया।
धुन की पक्की है अपेक्षा
अपेक्षा के माता पिता का कहना है कि उन्होंने कभी भी अपनी बेटी को पढऩे के लिए टोका नहीं, बल्कि वह हमेशा अपनी सुविधा अनुसार पढ़ाई में लगी रहती थी। वह पढ़ाई में इतनी व्यस्त रहती थी कि उसे कामयाब होने की धुन सवार रहती थी। अपेक्षा को मनोरंजन के तौर पर साईकिल चलाना व गाना सुनना बहुत पसंद है। अपेक्षा जैसे बच्चे धुन के पक्के होते हैं और वह जिंदगी में यदि कुछ करने की ठान लें तो फिर उससे पीछे नहीं हटते। सिटीमेल न्यूज ऐसे बच्चों की मेहनत और जज्बे का सलाम करता है।