9 साल तक प्लंबर का काम करके सच किया सपना, शामिल हुआ रणजी टीम में ओडिशा के ये सुपरफ़ास्ट पेसर

कोई अपने सपने के लिए कितना इन्तजार कर सकता है?  1 साल 2 साल या 5 साल. लेकिन कटक के प्रशांत राणा (Parshant Rana)  ने लगभग 9 साल तक प्लम्बर के तौर पर काम करने के बाद अपनी क्रिकेट खेलने के सपने को आखिरकार पूरा कर लिया है. डिशा के सहस्राब्दी शहर कटक में एक तंग जगह में रहने वाले राणा अपने सपने के लिए शाम को रोज़ मैदान में जाकर गेंदबाजी का अभ्यास करते रहे.

इस हफ्ते की शुरुआत में, जब राणा ने सीनियर रणजी टीम के लिए दाएं हाथ के तेज मध्यम गेंदबाज के रूप में 20 संभावित खिलाड़ियों में जगह बनाई तो लगता है अगर आप पूरी सच्चाई के मेहनत करे तो कोई भी आपको अपने सपने को पूरा करने से दूर नहीं रख सकता है.

प्लम्बर का काम करते-करते बना Rana Ji बने स्टेट प्लेयर

Rana

करीब 100 किलोमीटर दूर नयागढ़ जिले के एक गांव में सब्जी बेचने वाले उनके पिता और भाई को इस बात का अंदाजा नहीं था कि 24 साल का प्रशांत राणा प्लंबर का काम करते-करते एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम के दरवाजे के लिए भी मौजूदगी दर्ज करवाएगा.

टीम में सिलेक्शन के बाद राणा के पिता ने उनसे अपने प्लम्बर वाले काम को गुप्त रखने की सलाह ही दी थी. उन्होंने पिता से कहा” उससे इतने लंबे समय तक एक रहस्य कैसे रख सकता हूं.”

9 साल तक प्लंबर का काम करके सच किया सपना, शामिल हुआ रणजी टीम में ओडिशा के ये सुपरफ़ास्ट पेसर

कटक के यूनियन स्पोर्टिंग क्लब में क्रिकेट के मैदान में किसी ने उनसे कहा कि वह चाहें तो प्लंबर के रूप में काम कर सकते हैं. राणा ने इस ऑफर को स्वीकार कर लिया. लेकिन कुछ दिनों तक काम करने के बाद उन्होंने कहा कि वह दोपहर 2 बजे तक आधे वेतन पर काम करेंगे. 2 बजे तक काम करने के बाद वह शाम को करीब 4 घंटे तक प्रैक्टिस करता था.