पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा सूरमा माना जाता है, जिसने एक समय में अपनी बल्लेबाजी से एक से बढ़कर एक ऐसे कारनामे किए, जिससे उनकी तुलना ब्रायन लारा और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों के साथ की जाती थी. इससे आप अंदाज लगा सकते हैं कि इस खिलाड़ी की पारी में कितनी ज्यादा धमक होती है और वो गेंदबाज को अपने आगे नतमस्तक करने की काबिलियत रखते हैं.
आज हम पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के ऐसे ही एक तूफानी पारी की बात करने जा रहे हैं, जिससे उन्होंने गेंदबाजों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वह उनके खिलाफ किस तरह से गेंदबाजी करें.
तूफान बनकर बरसे Prithvi Shaw
हम यहां पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की जिस तूफानी पारी की बात कर रहे हैं, वह उन्होंने साल 2022 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेली, जहां अपनी टीम मुंबई के लिए ओपनिंग करते हुए पृथ्वी शॉ ने जो कारनामा किया, उसे बहुत कम ही खिलाड़ी कर पाते हैं. असम के खिलाफ मुंबई की टीम की ओर से बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान पृथ्वी शॉ ने 61 गेंद का सामना करते हुए कुल 334 रन बनाए, जिन्होंने अपनी पारी के दौरान 13 चौके और 9 छक्के लगाए.
पृथ्वी शॉ ने 219.67 के स्ट्राइक रेट से असम के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी. अच्छी बात यह थी कि अपनी टीम मुंबई को पृथ्वी ने जिस तरह की शानदार शुरुआत दिलाई, उस मोमेंटम का आगे खिलाड़ियों ने भरपूर रूप से फायदा उठाया, लेकिन अगर पृथ्वी अपने इस मैच में यह शानदार पारी नहीं खेलते तो शायद उनकी टीम मुश्किल परिस्थिति में फंस सकती थी क्योंकि सरफराज खान और शिवम दुबे जैसे खिलाड़ी को भी हाथ खोलकर बल्लेबाजी करते हुए नहीं देखा गया. केवल यशस्वी जयसवाल ही थे जिन्होंने टीम के लिए 42 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली.
सिर्फ 22 गेंद में शतक से मचाया तांडव
असम के खिलाफ जब मुंबई की तरफ से पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) बल्लेबाजी कर रहे थे, तो उन्होंने मात्र 22 गेंद में ही शतक लगाने का काम किया जो यह दर्शाता है कि उन्होंने कितने आक्रामक रूप से बल्लेबाजी की. इस मुकाबले की अगर बात करें तो असम की टीम ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया लेकिन मुंबई ने उनके इस फैसले को गलत साबित कर दिया. टीम ने 20 ओवर में तीन विकेट खोकर 230 रन जैसा पहाड़ स्टोर बनाया.
इसके जवाब में असम की टीम 169 के स्कोर पर ही ऑल आउट हो गई और पृथ्वी शॉ की तूफानी पारी के दम पर 61 रन के बड़े अंतर से मुंबई इंडियंस को इस मैच में जीत मिली. पृथ्वी ने एक खिलाड़ी के साथ-साथ एक कप्तान की भी भरपूर भूमिका अदा की जिन्होंने अपनी टीम को आगे रखते हुए एक मैच विनिंग पारी खेली. हालांकि इस मुकाबले में देखा जाए तो असम के गेंदबाज कुछ खास प्रभावी नहीं रहे जिन्हें विकेट लेने में थोड़ी कठिनाई हुई. यही वजह है कि मुंबई के खिलाड़ियों ने हाथ खोलकर बल्लेबाजी की.
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