जयपुर- कोरोना संकट की वजह से ज्यादातर काम वर्चुअल स्तर पर किए जा रहे हैं, ऐसे में कोर्ट में भी इन दिनों वर्चुअल स्तर पर ही सुनवाई हो रही है। इसी वर्चुअल स्तर पर राजस्थान हाई कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन हुक्का पीते हुए पाए गए। यह घटना गुरुवार को हुई जब राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने कांग्रेस के साथ बसपा के छह विधायकों के विलय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
हुक्का पीने की क्लिप हुई वायरल
सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो क्लिप में वरिष्ठ वकील राजीव धवन, एक अन्य वकील कपिल सिब्बल के साथ जिरह करने के दौरान अपने चेहरे के सामने कागज का एक सेट पकड़े हुए दिख रहे हैं। तभी कागजों के पीछे से एक धुंए का गुबार निकलता दिखता है। इसके बाद वरिष्ठ वकील अपने पेपर्स के सेट को अलग रख देते हैं।
जज बोले इस उम्र में धूम्रपान छोड़ देना चाहिए
न्यायमूर्ति महेन्द्र कुमार गोयल ने सुनवाई के दौरान हल्के अंदाज में राजीव धवन को सलाह दी कि उन्हें अपनी इस उम्र में धूम्रपान छोड़ देना चाहिए, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। न्यायमूर्ति गोयल की टिप्पणी का राजीव धवन ने जवाब दिया कि वह ऐसा करेंगे।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वरिष्ठ वकील वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुनवाई के आदी नहीं हैं, लेकिन स्थिति का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं। अप्रैल में राजस्थान हाईकोर्ट में मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील बनियान में दिखाई दिए थे। इसके बाद न्यायाधीश ने स्पष्ट किया था कि वकीलों को तब भी उचित पोशाक में दिखना चाहिए, जब वे अपने मामलों की ऑनलाइन सुनवाई कर रहे हों।
इससे पहले भी हुए हैं अनुशासनहीनता के मामले
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले अप्रैल में राजस्थान उच्च न्यायालय में मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील बनियान में दिखाई दिये थे। जुलाई माह में वकील मुकुल रोहतगी ने एक मामले की सुनवाई को स्थगित किए जाने की बात मानते हुए कहा था कि वह अब मौसम का मजा लेना चाहेंगे।
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीच में ही टोकते हुए हल्के अंदाज में कहा कि मैं देखना चाहता था कि मौसम का मजा लेने के लिए आपकी (रोहतगी की) टेबल पर क्या है? इससे पहले एक अन्य वर्चुअल कोर्ट में वकील नीले रंग की चेक टाई में दिखे थे। जिस पर चीफ जस्टिस ने उनकी क्लास ले ली थी। इसके बाद न्यायाधीश ने स्पष्ट किया था कि वकीलों को तब भी उचित पोशाक में दिखना चाहिए, जब वे अपने मामलों की ऑनलाइन सुनवाई कर रहे हों।