राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपी एजी पेरारिवलन ने मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट कांड के दोषी ठहराए गए अभिनेता संजय दत्त की सजा के समय से पूर्व रिहाई पर सवाल उठाया है।
आरोपी ए जी पेरारिवलन ने संजय दत्त की 6 साल कैद पूरी होने से पूर्व रिहाई का ब्योरा मांगते हुए मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। आपको बता दें आरोपी ए जी पेरारिवलन को नौ वोल्ट की दो बैटरियां उपलब्ध कराने के आरोप में 19 साल की उम्र में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इन बैटरियों का इस्तेमाल उस बम में किया गया था, जिसके फटने से इंद्रा गांधी के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु हो गई थी।
बता दें ए जी पेरारिवलन चेन्नई की पुझल केंद्रीय जेल में 29 सालों से सलाखों के पीछे उम्रकैद की सजा काट रहा है। पेरारिवलन ने पिछले सप्ताह अपने वकील नीलेश उके के जरिए मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कराई है। याचिका में उसने आरटीआई आवेदन देकर यह जानने की इच्छा जताई है कि मार्च 2016 में यरवदा जेल को संजय दत्त की उम्रकैद की सजा पूरी ना होने के पूर्व ही रिहाई होने से पहले केंद्र और राज्य सरकार की राय ली गई थी या नहीं।
अपने सवाल का जवाब नहीं मिलने पर पेरारिवलन अपीलीय प्राधिकरण के पास भी पहुंचा, जिसने सूचना देने से साफ इंकार करते हुए कहा कि इसका संबंध किसी तीसरे व्यक्ति से है। उसके बाद भी पेरारिवलन रुका नहीं वो राज्य सूचना आयोग पहुंचा, जिसने अपर्याप्त और अस्पष्ट आदेश जारी किया। हर जगह से हताश होने के बाद अब वो उच्च न्यायालय की शरण में आया है। अगले सप्ताह पेरारिवलन की अर्जी पर सुनवाई होने की संभावना है।
गौरतलब है कि संजय दत्त को उनकी सजा पूरी होने के 256 दिन पहले रिहा कर दिया था। बता दें संजय दत्त को 2006-2007 में विशेष अदालत द्वारा हथियार कानून के तहत दोषी ठहराया गया था और 6 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने मुहर लगाई थी, लेकिन बाद में संजय दत्त के कारावास की अवधि को घटाकर पांच साल कर दिया गया था।
साल 2013 मई के महीने में संजय दत्त ने यरवदा जेल में अपनी सजा पूरी करने के लिए आत्मसमर्पण किया था। इतना ही नहीं संजय को सजा के दौरान कई मौको पर छुट्टी और पेरौल भी दिया गया था। 25 फरवरी, 2016 को संजय दत्त को 256 दिन पहले ही रिहा कर दिया गया था।