हल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच्ग टेस्ट सीरीज का अंत हुआ है जिसमे भारतीय टीम ने ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाडियों की वजह से जीत दर्ज की है. जिसके बाद हर तरफ से उनकी काफी तारीफ हो रही है. यह वही पंत है जिसको कुछ दिनों पहले तक काफी विरोध का सामना करना पीडीए था, इनकी बल्लेबाजी तकनीकी को कोई पसंद नहीं करता है, ऋषभ पंत में यह बदलाव ऑस्ट्रेलिया दौरे से ही देखने को मिल रहा है, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी मैच में भी उनके बल्ले ने कमाल का प्रदर्शन दिकह्या था.
ऋषभ पंत के इस सुधार में सबसे बड़ा हाथ है रवि शास्त्री की डाट का ऐसे में अभी भारतीय टीम में ऐसे 3 खिलाडी है जिनको शास्त्री की डाट की काफी जरुरत है.
कुलदीप यादव
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हुई 4 मैचों की सीरीज में दूसरे मैच में कुलदीप यादव को टीम मैनेजमेंट ने प्लेइंग इलेवन में मौका दिया था. लेकिन पिंक बॉल टेस्ट और सीरीज़ के आखिरी टेस्ट में उन्हें टीम में जगह नहीं मिली.
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने उनका साथ देते हुए कहा था कि कुलदीप टीम में वापसी कर सकते है, इसी लिहाज़ से अगर कुलदीप से बेहतर प्रदर्शन कराना है तो उन्हें टीम में मौके देकर कोच को उनके ऊपर काफ़ी बारीकी से काम करना होगा.
भारतीय टीम के लिए 7 टेस्ट में 26 विकेट ले चुके कुलदीप यादव ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ धर्मशाला टेस्ट से की थी. तीन साल के टेस्ट करियर में केवल 7 मैच खेलने वाले कुलदीप को बीते काफ़ी समय से टीम में मौका नहीं दिया गया है. इसी वजह से उनके प्रदर्शन में काफ़ी गिरावट भी देखने को मिली है.
नवदीप सैनी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले सैनी का भारतीय टीम के लिए अभी प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा है एक औसत खिलाडी का प्रदर्शन रहा है. ऐसे में टीम मैनेजमेंट को अगर सैनी में सुधार लाना है तो ऋषभ पंत की तरह कोच को उनके साथ सख्ती से काम लेना होगा.
हरियाणा के करनाल में रहेने वाले तेज़ गेंदबाज़ नवदीप सैनी ने दिल्ली के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत 2013 में की थी.
7 साल के करियर में कुल 48 फ़र्स्ट-क्लास मैचों में 28.00 के औसत से 132 विकेट चटकाए हैं. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो भारत के लिए 2 टेस्ट, 7 वन-डे और 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. ऐसे में इनका फॉर्म में आना भारतीय टीम के लिए फायदेमंद रहेगा.
संजू सैमसन
इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में ऋषभ पंत के अलावा युवा खिलाडियों में संजू सैमसन का प्रदर्शन भी धमाकेदार था, उनकी ही श्रेणी में आने वाले संजू सैमसन पर भरोसा जताया जा सकता है.
दिसंबर-जनवरी में भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर संजू सैमसन को सीमित ओवरों की टीम में जगह दी गई थी. उस दौरान वो बल्ले से खासे असरदार साबित नहीं हुए इसके बाद विजय हजारे ट्राफी में भी उनके बल्ले ने औसत प्रदर्शन दिखाया.
ऐसे में उनको टीम में जगह देने पर हर तरफ से सवालिया निशान खड़े होंगे. लेकिन कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना ये भी है संजू सैमसन बतौर एक एथलीट काफ़ी शानदार क्रिकेटर हैं.
संजू की बल्लेबाज़ी में सुधार और निरंतरता बनानी है कोच को उनसे थोड़ा सख्ती से पेश आना पड़ेगा. जिसके बाद कोच शास्त्री इस खिलाड़ी से भी बेहतर नतीजे निकाल सकते हैं.