रिद्धिमान साहा

भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ के बाद से रिद्धिमान साहा और ऋषभ पंत को लेकर हर तर्फ चर्चा हो रही है कि कौन-से विकेट कीपर बल्लेबाज़ को भारतीय टेस्ट टीम में खेलना चाहिए और किसे नहीं, इन सारी चर्चाओं के बीच रिद्धिमान का साहा का बयान आया है कि क्यों उन्हें एक विकेट कीपर के तौर पर भारतीय टेस्ट टीम में पंत की जगह उन्हें तरजीह देनी चाहिए, क्योंकि वो एक स्पेशलिस्ट विकेट कीपर हैं।

साहा को ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट के बाद क्यों बाहर बैठना पड़ा था

रिद्धिमान साहा

रिद्धिमान साहा ने एक बल्लेबाज़ के तौर पर अपना पहला टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ 2010 में नागपुर में खेला था। तब से अब तक 10 सालों में साहा ने 38 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 3 शतक और 5 अर्धशतक लगाए हैं। इतने सालों बाद भी आज वो टेस्ट क्रिकेट में भारत के एक उम्दा विकेटकीपर हैं, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में वो दम नहीं रहा है, जो एक विकेटकीपर से उम्मीद लगाई जाती है।

इसलिए ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ में साहा को एडिलेड टेस्ट के बाद सीट पर बैठना पड़ा था। साहा ने एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में 9 और दूसरी पारी में 4 रन ही बनाएं थे। उस मैच में पूरी भारतीय टीम ने सिर्फ 36 रन ही बनाएं थे, जो कि इतिहास में भारतीय टीम के टेस्ट मैच कि एक पारी का अब तक का सबसे कम स्कोर था। इसी मैच के बाद ऋषभ पंत को साहा की जगह खिलाया गया था।

साहा ने पंत को लेकर क्या कहा

रिद्धिमान साहा

साहा से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी जगह ऋषभ पंत को टीम में खिलाने लिए तरजीह दी रही है। इसके जवाब में साहा ने कहा कि

“यह सब मैं 2018 से सुनता चला रहा हूं, मुझे मेरी काबिलियत पर भरोसा है, और मुझे पंत की बल्लेबाज़ी को लेकर कोई चिंता नहीं है। पंत को लेकर मुझे अपने खेल में कोई बदलाव करने की ज़रूरत नहीं है। विकेट के पीछे कौन खड़ा होगा और कौन नही यह फैसला भारतीय टीम मैनेजमेंट लेना होता है”।

यह सारी बातें उन्होंने टाईम्स ऑफ़ इंडिया से एक इंटरव्यू में कहीं हैं।

साहा ने ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ को लेकर क्या कहा

रिद्धिमान साहा

साहा को ऐडिलेड में खेले गए मैच के दैरान मिचेल स्टार्क के खिलाफ अपने शॉट सिलेक्सन को लेकर अफसोस है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा खेले गए शॉट्स सीधे फ़ीडर के हाथों में गए यह अचानक हुआ था। भारतीय टीम के लिए वो एक बुरा दिन था, क्योंकि उस दिन पूरी टीम सिर्फ 36 रन पर ऑलऑउट हो गई थी।

अगर हम अडम गिलक्रिस्ट और एमएस धोनी के युग कि बात करें तो वो दोनों बेहतरीन विकेटकीपर ऑसरॉउडर थे, लेकिन रिद्धिमान साहा भी उन गिने चुने विकेटकीपर में सुमार है जिनका विकेट के पीछे बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है।

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