उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज ने टीजीटी पीजीटी शिक्षकों की 15508 भर्तियों का नोटिफिकेशन रद्द कर दिया है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने यह फैसला विधिक राय के बाद लिया है। एक ही लिखित परीक्षा में तदर्थ और फ्रेश अभ्यर्थियों को अंक देने के दो मापदंड अपनाना गलत पाया गया। टीजीटी जीव विज्ञान को बाहर करने से भी विधिक अड़चन आई। इस कारण भर्ती को नोटिफिकेशन रद्द करने का फैसला लिया गया।
आपको बता दें कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, प्रयागराज ने 29 अक्टूबर को टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों की 15508 वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसमें प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) के 12913 और प्रवक्ता (पीजीटी) के 2595 पद थे। आवेदन की अंतिम तिथि 27 नवंबर तय की गई थी।

भर्ती में पहली बार आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के अभ्यर्थियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था। संजय सिंह के मामले में 28 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते महाधिवक्ता ने 13 नवंबर को अपनी विधिक राय दी थी कि एक ही संवर्ग की एक ही लिखित परीक्षा में तदर्थ शिक्षक एवं फ्रेश अभ्यर्थियों के लिए अंक देने के दो भिन्न-भिन्न मापदंड नहीं अपनाए जा सकते। इस लिहाज से चयन बोर्ड की ओर से 29 अक्तूबर को जारी विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विपरीत है। यदि इस विज्ञापन के अनुसार चयन किया जाता है तो वह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना होगी।
क्या था रद्द होने का कारण

बोर्ड के अनुसार, ‘पहले जारी किए गए नोटिफिकेशन में एडहॉक और फ्रेश कैंडिडेट्स के लिए एक ही (समान) लिखित परीक्षा की बात कही गई थी। लेकिन नियमानुसार इसे गलत पाया गया। वहीं, टीजीटी बायोलॉजी की वैकेंसी भी उसमें शामिल नहीं की गई थी। जिस कारण कई कानूनी अड़चनें आ रही थीं।’
नहीं है दुबारा आवेदन की आवश्यकता

अब तक ऑनलाइन आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों को नए विज्ञापन में दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उसके लिए सॉफ्टवेयर में प्रविधान करने के लिए एनआईसी से अनुरोध किया जाएगा। अध्यक्ष वीरेश कुमार की अध्यक्षता में गूगल हैंगआउट एप के माध्यम से हुई बैठक में सदस्य डॉ. धीरेन्द्र द्विवेदी, डॉ. हरेन्द्र कुमार राय, डॉ. दिनेशमणि त्रिपाठी, डॉ. ओम प्रकाश राय व उपसचिव नवल किशोर मौजूद रहे। गौरतलब है कि पिछले तकरीबन तीन सप्ताह में हजारों अभ्यर्थी कर चुके हैं।
