Red Ball Cricket : क्रिकेट की दुनिया में जब कोई खिलाड़ी शतक बनाता है तो तारीफ होती है, दोहरा शतक बनाता है तो चर्चा होती है… लेकिन जब कोई अकेला बल्लेबाज़ मैदान पर 1000 से ज्यादा रन ठोक दे, वो भी सिर्फ 327 गेंदों में, तो यह आंकड़ा नहीं बल्कि इतिहास बन जाता है। ऐसा ही तूफान एक मुकाबले में देखने को मिला, जहां एक ओपनर ने क्रिकेट की सभी सीमाएं लांघते हुए 308 के स्ट्राइक रेट से 1009 रन ठोक डाले।
गेंदबाज़ी में दबदबा, विपक्ष 31 रन पर ढेर
दरअसल यह टेस्ट मैच (Red Ball Cricket) भंडारी कप 2015-16 के तहत खेला गया, जिसमें केसी गांधी इंग्लिश स्कूल का सामना आर्य गुरुकुल सीबीएसई से हुआ। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आर्य गुरुकुल की पूरी टीम केवल 17 ओवर में 31 रन पर ऑलआउट हो गई।
इस टेस्ट मैच (Red Ball Cricket) में विपक्षी टीम के बल्लेबाज एक के बाद एक पवेलियन लौटते गए। चिन्मय पाटिल ने सिर्फ 3 रन देकर 5 विकेट झटके, जबकि टीम के 6 बल्लेबाज़ खाता भी नहीं खोल सके।
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Red Ball Cricket में इतिहास रचने वाला बल्लेबाज़
इस मामूली लक्ष्य के जवाब में केसी गांधी स्कूल के सलामी बल्लेबाज़ प्रणव धनावड़े ने ऐसा हमला बोला जिसे टेस्ट (Red Ball Cricket) क्रिकेट कभी नहीं भूल पाएगा। उन्होंने महज़ 327 गेंदों पर 129 चौके और 59 छक्कों की मदद से नाबाद 1009 रन बनाए।
उनका स्ट्राइक रेट रहा 308.26, जो रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) में बेहद दुर्लभ है। उनके साथ आकाश सिंह ने 173 और सिद्धेश पाटिल ने 137 रन बनाए। पूरी टीम ने 94 ओवर में 1465/3 का स्कोर खड़ा कर दिया और पारी घोषित कर दी।
विरोधी टीम दोबारा ढेर, जीत का अंतर बना रिकॉर्ड
बल्लेबाज़ी में अपमानजनक स्कोर के बाद आर्य गुरुकुल की टीम दूसरी पारी में भी कुछ खास नहीं कर सकी। पूरी टीम 52 रन पर सिमट गई। इस बार आयुष कामत ने कहर ढाते हुए 16 रन देकर 8 विकेट अपने नाम किए।
यह मुकाबला रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) इतिहास का वो अध्याय बन गया, जिसने पुराने रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ दिया। प्रणव धनावड़े के 1009 रन ने ए.ई.जे. कॉलिन्स के 628* रन के 116 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा।
टीम का स्कोर 1465/3 और जीत का अंतर – पारी और 1,382 रन – दोनों आंकड़े आधिकारिक रेड बॉल क्रिकेट (Red Ball Cricket) इतिहास में सबसे बड़े बन गए। यह सिर्फ एक स्कूल मैच नहीं, बल्कि क्रिकेट में अद्भुत प्रदर्शन की मिसाल बन गया है।
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