BGT : भारत और न्यूजीलैंड के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी। जिसमे भारतीय टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। कीवी टीम से सीरीज हारने के बाद ऐसे ही संकेत मिले हैं की भारत रोहित शर्मा का विकल्प तलाश रही है। आपको बता दें, 37 साल के कप्तान न्यूजीलैंड के खिलाफ बुरी तरह फेल रहे थे। वे 6 पारियों में मात्र 91 रन बना पाए थे। ऐसे में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT) की करीब होने की वजह से रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की फॉर्म, फिटनेस और उम्र ने शायद बीसीसीआई को ऐसे खिलाड़ी की पहचान के लिए मजबूर किया, जो ना सिर्फ ओपनिंग करता हो, बल्कि कप्तानी भी संभाल सके।
BGT से पहले ये दो खिलाड़ी पहुंचे ऑस्ट्रेलिया
भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया सीरीज जिसे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024 (BGT) भी कहा जा रहा है। 22 नवंबर से शुरू होने जा है। इस सीरीज के लिए भारतीय टीम की रवानगी से कई दिन पहले ही दो खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया भेज दिए गए। ये खिलाड़ी हैं केएल राहुल और ध्रुव जुरेल। ये दोनों खिलाड़ी बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए चुनी गई भारतीय टीम में शामिल हैं। इसके बावजूद दोनों को इंडिया ए टीम में शामिल किया गया, ताकि वे ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ दूसरे अनऑफीशियल टेस्ट मैच खेल सकें।
इस खिलाड़ी को लेकर BCCI कर रही अलग प्लानिंग
पहली नजर में केएल राहुल और ध्रुव जुरेल को बाकी टीम से पहले भेजने की वजह यह मानी जा रही है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया (BGT) की पिचों से वाकिफ कराना था। लेकिन अगर सिर्फ यही बात होती तो यशस्वी जायसवाल और सरफराज खान जैसे युवाओं को भी इंडिया ए से जोड़ा जाता। ऐसा नहीं हुआ और इसकी वजह साफ है। क्रिकेट बोर्ड, केएल राहुल को लेकर कुछ ऐसी प्लानिंग कर रहा है, जो बाकियों से कुछ अलग है।
कौन बनेगा रोहित के बाद कप्तान ?
अगर रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ऑस्ट्रेलिया सीरीज (BGT) में फेल रहने पर टेस्ट फॉर्मेट छोड़ दें या उन्हें बोर्ड हटाने का फैसला करे तो उसके पास कप्तानी का ऐसा कोई विकल्प नहीं है, जो हर परिस्थिति में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा हो सके। जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, ऋषभ पंत और शुभमन गिल कप्तानी के दावेदार हैं। लेकिन अश्विन और बुमराह का हर मैच में खेलना मुश्किल होता है।
पंत चोट से वापसी कर रहे हैं और बोर्ड उन्हें जल्दी बड़ी जिम्मेदारी देने से बचना चाहेगा। गिल को कप्तानी देना भी शायद जल्दबाजी हो। इसीलिए टीम मैनेजमेंट केएल राहुल को सपोर्ट कर रहा है। अगर वे बतौर ओपनर टीम में जगह पक्की कर पाएं तो कप्तानी के भी तगड़े दावेदार हो जाएंगे।