दोस्त रूस ने भारत के साथ किया विश्वासघात, पाकिस्तान के साथ मिलकर दिया ये झटका

रूस और पाकिस्तान की नजदिकिया लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार को रूस की सेना का एक दस्ता संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए पाकिस्तान पहुंच गया है. रूस और पाकिस्तान की सेना के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास को DRUHZBA-5 (द्रजबा) नाम दिया गया है.इस बात की जानकारी पाकिस्तान की सेना ने ट्वीट कर दी है. जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान और रूस के बीच यह पांचवां संयुक्त सैन्य अभ्यास है. ये संयुक्त अभ्यास दो सप्ताह तक चलेगा. बयान में कहा गया है, इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद से निपटने के दोनों देशों की सेनाओं के अनुभवों को साझा करना है.

रूस और पाकिस्तान की सेना ने किया अभ्यास

दोस्त रूस ने भारत के साथ किया विश्वासघात, पाकिस्तान के साथ मिलकर दिया ये झटका

 

पाकिस्तान की सेना की मीडिया विंग के मुताबिक, इस सैन्य अभ्यास में स्काई डाइविंग और बंधकों को छुड़ाने जैसी गतिविधियां होंगी. पाकिस्तानरूस का संयुक्त सैन्य अभ्यास द्रजबा हर साल आयोजित किया जाता है. साल 2016 से ही पाकिस्तान और रूस की सेनाएं संयुक्त अभ्यास करती रही हैं. इसमें आतंकवाद विरोधी और विशेष सैन्य ऑपरेशन भी शामिल हैं.

भारत ने सैन्य साझेदारी को लेकर जताया विरोध 

दोस्त रूस ने भारत के साथ किया विश्वासघात, पाकिस्तान के साथ मिलकर दिया ये झटका

हालांकि, भारत रूस की पाकिस्तान के साथ सैन्य साझेदारी को लेकर विरोध करता रहा है. भारत ने रूस के सामने कई बार आपत्ति जाहिर की है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग करना गलत है और इससे समस्याएं और बढ़ेंगी. रूस भारत की इस आपत्ति को अनसुना करता रहा है. इसी साल सितंबर महीने में पाकिस्तान की सेना ने रूस के शहर असतराखान में कावकाज 2020′ सैन्य अभ्यास में भी हिस्सा लिया था. पिछले साल रूसी सैन्य अभ्यास सेंटर 2019 में भी पाकिस्तान ने हिस्सा लिया था. इस सैन्य अभ्यास में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान भी शामिल हुए थे.

रूस ने तालिबान के साथ भी बढ़ाया संपर्क 

दोस्त रूस ने भारत के साथ किया विश्वासघात, पाकिस्तान के साथ मिलकर दिया ये झटका

रूस ने पिछले कुछ सालों में तालिबान के साथ संपर्क भी बढ़ाया है जबकि भारत का रुख इससे उलट है. रूस खुद भी तालिबान के खिलाफ नॉर्दर्न एलायंस को समर्थन देता रहा है. तालिबान पर पाकिस्तान का अच्छाखासा प्रभाव है. ट्रंप प्रशासन से पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य सहायता बंद हो गई थी. पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध भी वर्तमान में बहुत अच्छे नहीं हैं, ऐसे में पाकिस्तान रूस और चीन के साथ ही अपना भविष्य देख रहा है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *