सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी से कहा नहीं तुम विकास दुबे की तरह हो खतरनाक, Up भुगत रहा अंजाम

नई दिल्ली: कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य अपराधी का एनकाउंटर हो चुका है जिस पर सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में एक टीम गठित की गई है जो इस पूरे मामले की जांच करेगी। लेकिन इन सबसे इतर सुप्रीम कोर्ट के जज ने एक दूसरे मामले में विकास दुबे की जमानत का नाम लिया है और एक बड़ा मुद्दा बना दिया है, जिसने ये साबित कर दिया है कि विकास दुबे का मामले अब एक नजीर बन गया है और आने वाले निकट भविष्य में ये बड़ा मुद्दा रहेगा जिसकी मिसाले दी जाती रहेंगी।

जमानत में सख्ती

सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी से कहा नहीं तुम विकास दुबे की तरह हो खतरनाक, Up भुगत रहा अंजाम

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में जमानत देने को लेकर बड़ा बयान देते हुए विकास दुबे का नाम लिय़ा है। ये मामला 8 संगीन अपराधों के चलते गिरफ्तार हुए एक क्रिमिनल का है जिसकी जमानत को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में अर्जी दी गई थी। अपराधी के अपराधों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा है…

‘तुम एक खतरनाक अपराधी हो, तुम्हे जमानत नहीं दी जा सकती है।’

यूपी भुगत रहा है अंजाम

देश के मुख्य न्यायाधीश बोबड़े ने अपराधी विकास दुबे का नाम लिए बगैर कहा कि यूपी में एक शख्स के खिलाफ मारपीट, हत्या, अपहरण, फिरौती के 64 से ज्यादा मामले दर्ज थे जिसके बावजूद उसे जमानते दी जाती रहीं और इसका अंजाम आज उत्तर प्रदेश भुगत रहा है और 8 पुलिस कर्मियों की शहादत हो चुकी है। इशारों-इशारों में विकास दुबे के इस मामले का उदाहरण देते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने 8 जघन्य मामलो के अपराधी को जमानत देने से सरासर इंकार कर दिया। जमानत को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा…

“देखें कि दूसरे मामले में क्या हुआ (विकास दुबे मुठभेड़)। यूपी को नुकसान झेलना पड़ा, क्योंकि 64 मामलों के किसी आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया था’’

सुप्रीम कोर्ट ने अपराधी से कहा नहीं तुम विकास दुबे की तरह हो खतरनाक, Up भुगत रहा अंजाम

भयावह है ऐसी स्थितियां

आपको बता दें कि कानपुर कांड के मुख्य अपराधी विकास दुबे के खिलाफ 64 से ज्यादा संहगीन अपराध के मामले चल रहे थे जिसके बावजूद वो जमानत पर धड़ल्ले से घूम रहा था कोर्ट ने इसी एक बिंदु का हवाली देते हुए कहा कि हम जमानत नहीं दे सकते हैं।  इस मामले मे विकास दुबे की जमानतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भयावह जैसे शब्दों को इस्तेमाल किया था और इस स्थिति को खतरनाक तक बता दिया था। इस मामले को उदाहरण लेकर अब ये कहा जा सकता है कि अदालते अब संगीन अपराधियों की जमानतों के मामलों में अब अधिक सख्ती दिखाएंगी।

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