शबनम

मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद मथुरा के फाँसीघर में पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाने जा रहे हैं. पवन ने कहा करीब 6 महीने पहले मैने उस फांसी घर का दौरा भी किया है, अधिकारियो को कुछ बदलाव करने को भी कहा. यूपी के एकलौते महिला फांसीघर में आजादी के 73 साल  बाद पहली बार किसी महिला को फांसी दी जानी है. शबनम पहली ऐसी महिला कैदी होंगी जिनको मै  फांसी दूंगा.

कौन है शबनम

शबनम

ये घटना साल 2008 की है जब शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगो को कुल्हाड़ी से बेरहमी के साथ काट फेका था. अब अदालत शबनम को फांसी पर लटकाने जा रही है. शबनम को सुप्रीमकोर्ट ने फांसी की सजा को बरकरार रखा था और राष्ट्रपति ने भी दया याचिका को ठुकरा दिया था.

पवन जल्लाद

पवन जल्लाद

मेरठ के रहने वाले पवनजल्लाद  इससे पहले  दिल्ली के निर्भया कांड के चार दोषियों को भी फांसी पर लटका चुके हैं. पवन जल्लाद ने बताया कि वह छह महीने पहले मथुरा जेल गये  थे. जहां शबनम को फांसी दी जानी है. फांसीघर को लेकर मेरठ के पवन जल्लाद ने बताया कि वह बेहद जीर्ण और शीर्ण हालत में था. जिस तख्ते पर खड़ा करके शबनम  को फांसी दी जानी  है वह भी टूटा हुआ था. पवन के अनुसार उसे अब बदलवा दिया गया है.

वहीं उन्होनें कहा कि लीवर की खिंचाई भी ठीक से नहीं हो रही थी तो तेल लगवाकर लीवर को अब ठीक किया गया है. पवन जल्लाद का कहना है कि मथुरा जेल का फांसीघर पूरी तरह से तैयार हो गया है.

150 पहले बना था ये फांसी घर

मथुरा में स्थित इस महिला फांसीघर को करीब 150 साल पहले स्थापित किया गया था. बता दें कि आजादी के 73 साल में किसी भी महिला को यहां फांसी नहीं दी गई. शबनम पहली ऐसी महिला कैदी होंगी जिनको यहाँ फांसी दी जानी है.