नई दिल्ली, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में लिखा कि सोनिया गांधी ने राहुल गांधीकी खातिर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया था. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर मनमोहन सिंह की तारिफ की है. अपनी किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में ओबामा ने लिखा, सोनिया के लिए कहा कि उन्होंने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया, क्योंकि वो मनमोहन से कोई खतरा नहीं महसूस करती थीं। ओबामा ने कहा कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का चुनाव काफी सोच-समझकर किया।
ओबामा ने राहुल को बताया एक नर्वस लीडर
अपनी किताब में ओबामा ने राहुल को एक नर्वस लीडर करार दिया ‘अ प्रॉमिस्ड लैंड’ में ओबामा लिखते हैं, ‘कोई एक नहीं, अनेक राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि सोनिया गांधी न मुख्य रूप से मनमोहन सिंह का चयन इसलिए किया क्योंकि बिना किसी राष्ट्रीय राजनीतिक आधार वाले बुजुर्ग सिख उनके उन 48 वर्षीय पुत्र राहुल के लिए कोई खतरा नहीं हो सकते थे जो कांग्रेस पार्टी के मुखिया बनने की तैयारी में थे।’ ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित एक डिनर पार्टी का भी जिक्र किया जिसमें सोनिया और राहुल भी शामिल थे।
राहुल की तरफ चर्चा को मोड़ देती थीं सोनिया
उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुन रही थीं, पॉलिसी मैटर पर अलग विचार होने की स्थिति में बड़ी सावधानी से सिंह के सामने मतभेद जाहिर करती थीं और अक्सर बातचीत को अपने बेटे की तरफ मोड़ देते थीं।’
ओबामा ने आगे लिखा,
‘मैं पूरी तरह समझ गया कि सोनिया चतुर और कुशाग्र बुद्धि की हैं, इसलिए वो ताकतवर हैं। जहां तक राहुल की बात है तो वो स्मार्ट और जोशीले दिखे और अपनी मां की तरह सुंदर भी। उन्होंने प्रगतिशील राजनीति के भविष्य पर अपने विचार रखे। इस दौरान वो बीच-बीच में रुकते और मेरे 2008 कैंपेन के ब्योरे की चर्चा करते। इसमें उनकी घबराहट और विकृत गुण ही जाहिर हो रहे थे। वो एक ऐसे विद्यार्थी की तरह लगे जो कोर्स पूरा करके शिक्षक को प्रभावित करने को छटपटा रहा हो, लेकिन अंदर से उसमें योग्यता की कमी है या फिर विषय का माहिर होने के प्रति जुनून का अभाव।’
ओबामा का अंदेशा
आगे ओबामा ने कहा कि पता नहीं जब डॉ. सिंह प्रधानमंत्री पद से हटे तो उनका क्या हुआ होगा। उन्होंने लिखा,
‘क्या मां की तरफ से लिखी गई किस्मत को सही साबित करने के लिए बैटन सफलतापूर्वक राहुल को पास कर दिया जाएगा और क्या बीजेपी की तरफ से विभाजनकारी राष्ट्रवाद को पोषित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का दबदबा कायम रह सकेगा?’