नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को लेकर वहां की सरकार ने बड़ा फैसला किया है। गुरुवार को देश की सरकार ने ‘क्रिकेट साउथ अफ्रीका’ को निलंबित कर दिया है और साथ ही इसे अपने अधीन ले लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम के इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लग सकती है। वहीं दक्षिण अफ्रीका की सरकार के इस कदम को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के नियमों के खिलाफ माना जा रहा है।
साउथ अफ्रीका बोर्ड की काफी समय से जांच जारी है
बीते काफी समय से बोर्ड नस्लवाद, भ्रष्टाचार व खिलाड़ियो के वेतन जैसे मुद्दों को लेकर विवादों का सामना कर रहा था। वहीं साउथ अफ्रीकन स्पोर्ट्स एंड ओलिंपिक कमेटी ने खत लिखकर बोर्ड के सभी अधिकारियों को पद से हटने के लिए कहा है। एसएएससीओसी ने पिछले साल क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका में फैली गड़बड़ियों में जांच शुरू की थी। जिसके बाद जांच के परिणाम सामने आने पर ही क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह कदम उठाया गया है।
बता दें कि कमेटी ने जो लेटर जारी किया है, जिसके कारण क्रिकेट टीम के मौजूदा सदस्यों, स्पॉन्सर्स व क्रिकेट फैंस को झटका लग सकता है। साउथ अफ्रीकन स्पोर्ट्स एंड ओलंपिक कमेटी के कदम से न सिर्फ क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की छवि खराब हुई है, बल्कि टीम पर इंटरनेशनल क्रिकेट में बैन होने का खतरा मंडरा रहा है।
आईसीसी के नियम कहते हैं ये
आपको बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल की शर्त के अनुसार किसी भी क्रिकेट खेलने वाले देश में इस खेल का कामकाज देखने वाली संस्था पूरी तरह से स्वतंत्र होनी चाहिए। सरकार की किसी डायरेक्ट बॉडी का क्रिकेट बोर्ड पर सीधे तौर पर नियंत्रण नहीं होना चाहिए। लेकिन साउथ अफ्रीकन स्पोर्ट्स एंड ओलंपिक कमेटी दक्षिण अफ्रीका की सरकार की संस्था है, इसलिए यह आईसीसी के नियमों के विरोध है।
दूसरी बार बैन हो सकती है साउथ अफ्रीका
बताते चलें कि साउथ अफ्रीका से पहले जिम्बाब्वे पर भी आईसीसी इस कारण बैन लगाया था। अगर आईसीसी बैन लगाने का फैसला करती है, तो साउथ अफ्रीका दूसरी बार बैन होने वाला पहला देश बन जाएगा। इस टीम पर साल 1970 से 1990 के बीच नस्लवाद के कारण बैन लगा दिया गया था।