समाज में बदनामी होने के डर और रिकवरी एजेंटों के धमकी भरे फोन कॉल्स से तंग आकर शख्स ने तालाब में कूदकर सुसाइड करने की कोशिश की। मगर,उसी समय वहां पहुंच कर पुलिसवालों ने उसे बचा लिया।
हाइलाइट्स:
क्रेडिट कार्ड के 80 हजार रुपये के बिल को चुकाने में नाकाम
लॉकडाउन के समय आमदनी का कोई भी रास्ता नहीं था, राजीव की आर्थिक समस्याऐं काफी बढ़ गई और वह क्रेडिट कार्ड के 80 हजार रुपये के बिल को चुकाने में नाकाम हो गए। क्रेडिट कार्ड कंपनी के रिकवरी एजेंट बिल चुकाने के लिए राजीव पर दबाव कर रहे थे। बदनामी से बचने और एजेंटों की धमकियों से आजाद होने के लिए राजीव ने सुसाइड का रास्ता अपनाया।बदनामी और रिकवरी एजेंटों के धमकी भरे फोन कॉल्स से परेशान राजीव ने शनिवार को तालाब में कूदकर अपनी जान देने की कोशिश की। लेकिन, राजिव के इस कदम को अपनाने से पहले ही उनकी पत्नी ने मोबाइल पर राजीव के भेजे मेसेज ‘जिंदगी से जा रहा हूं, माफ कर देना’ को पढ़ लिया।
पत्नी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया मेसेज
पत्नी ने मेसेज सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जिसे एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने पढ़ा और उन्होंने यह मेसेज समाजसेवी को और जोन-7 के डीसीपी प्रशांत कदम को भेजा। डीसीपी ने मेसेज को गंभीरता से लिया और राजीव की लोकेशन ट्रेस कर के उस की जान बचाई।राजीव को थाने लाकर काउंसिलिंग देकर घर जाने की इजाजत दी गई मुंबई पुलिस आयुक्तालय ने राजीव की जान बचाने वालों सभी पुलिसकर्मियों की तारीफ की।
ट्रेन से कटकर जान देने की कोशिश
राजीव पटेल ने कुछ दिनों पहेले भी ट्रेन से कटकर अपनी जान देने की कोशिश की थी, लेकिन लोगों ने उन्हें देख लिया और उनकी जान बचा ली।