लखनऊ: पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा अपने आरोपों से मुकर गई है। जी हां, मंगलवार को रेप का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय लॉ स्टूडेंट लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में जज के सामने अपने पहले लगाए गए सभी आरोपों से मुकर गई। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लखनऊ के विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। वहीं अब 15 अक्टूबर को इस केस की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि शाहजहांपुर के इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद चिन्मयानंद करीब 5 महीने तक जेल में रहे थे।
अपने बयान से मुकरी लड़की
बता दें कि, लॉ छात्रा ने सीआरपीसी की धारा 161 व धारा 164 तहत दिए गए मजिस्ट्रेटी बयान में स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का मामला दर्ज कराया था। हालांकि बीती 9 अक्टूबर को लॉ स्टूडेंट छात्रा अदालत में अपने दिए गए बयान में रेप के आरोप से पलट गई। बता दें कि 27 अगस्त 2019 को पीड़ित छात्रा के पिता ने शाहजहांपुर के थाना कोतवाली में मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी।
उस वक्त छात्रा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था। जिसके बाद खुद पीड़िता ने 5 सितंबर 2019 को नई दिल्ली के थाना लोधी कॉलोनी में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं जांच के दौरान एसआईटी ने दोनों FIR को एक में मर्ज कर लिया था।
ये है पूरा मामला
24 अगस्त 2019 को स्वामी शुकदेवानंद लॉ यूनिवर्सिटी की एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो वायरल किया था और स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। बता दें, इस कॉलेज को स्वामी चिन्मयानंद का ट्रस्ट चलाता है। आरोप लगाने के बाद से पीड़िता लापता हो गई थी। जिसके बाद छात्रा के पिता ने शाहजहांपुर कोतवाली में चिन्मयानंद के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। लेकिन इससे पहले चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने 5 करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का एक मामला दर्ज करवाया था।
इस पूरे वाक्या के बाद पुलिस ने पीड़िता को राजस्थान के दौसा जिले से बरामद कर लिया था। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर छात्रा को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था। साथ ही यूपी सरकार को पूरे मामले के लिए विशेष जांच दल गठित कर जांच के निर्देश भी दिए थे। वहीं एसआईटी की तीन महीने चली इस जांच में चिन्मयानंद और रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता समेत संजय, विक्रम सचिन को जेल भेज दिया।