Ravindra Jadeja

हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह भारतीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा मैच खेले। भले ही किसी खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय मैच में चयन हो जाए, लेकिन उस खिलाड़ी को टीम में खुद को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वहीं, कई बार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भी खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से एक ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपने शानदार गेंदबाजी के आगे विपक्षी खिलाड़ियों को खूब नाकों चने चबवाया, लेकिन इस बीच रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की एंट्री ने उस खिलाड़ी करियर तबाह कर दिया।

जडेजा की वजह से प्रज्ञान ओझा का करियर हुआ था खत्म

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

दरअसल टीम इंडिया (Team India) में खिलाड़ियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। खिलाड़ियों को टीम में बरकरार रखने के लिए, काफी तगड़ा कॉम्पिटशन देना होता है। इस कड़ी में एक गेंदबाज इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है। जो कि किसी टेस्ट मैत में 10 विकेट लेने जैसा जबरदस्त प्रदर्शन दिखा चुका है, लेकिन उसके बाद भी उस प्लेयर का करियर खत्म हो गया है।

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

बता दें ये कोई और नहीं बल्कि बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) हैं, जिन्हें टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने के बावजूद टीम से ऐसा बाहर कर दिया गया, जिसके बाद वह दोबारा फिर कभी लौटकर ही नहीं आए। इसके साथ ही ये कहा जाता है कि Ravindra Jadeja की वजह से उनका करियर पूरी तरह से तबाह हुआ है। बता दें ये गेंदबाज कभी टीम इंडिया का सबसे बड़ा हथियार था और रविचंद्रन अश्विन के साथ उनकी जोड़ी हिट मानी जाती थी।

Ravindra Jadeja की वजह से प्रज्ञान का करियर हुआ ठप्प

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

दरअसल बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) को 33 साल की उम्र में ही संन्यास ले लिया था। उनके संन्यास लेने का सबसे बड़ा कारण बने थे रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja)। दरअसल प्रज्ञान ओझा ने 14 नवंबर 2013 को अपना आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था, जो सचिन तेंदुलकर का इंटरनेशनल क्रिकेट से विदाई मैच भी था। मुंबई में खेले गए इस टेस्ट मैच में प्रज्ञान ने दोनों पारियों में 40 रन पर 5 विकेट और 49 रन पर 5 विकेट चटकाते हुए 89 रन देकर 10 विकेट लेने का कारनामा किया था।

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

इसके बाद ओझा के एक्शन पर जडेजा(Ravindra Jadeja) ने तमाम सवाल उठा दिए गए। इसी कारण उन्हें मजबूरन टीम इंडिया से बाहर बैठना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक्शन में सुधार के लिए जमकर मेहनत की और आईसीसी से क्लीन चिट भी हासिल कर ली, लेकिन तब तक तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की गुडबुक में शामिल रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर चुके थे। इस कारण दोबारा ओझा की टीम में कभी वापसी नहीं हो पाई।

प्रज्ञान ओझा का खेल प्रदर्शन

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

अगर बात करें ओझा के करियर के बारें में तो बता दें मुंबई टेस्ट में तब प्रज्ञान ने दोनों पारियों में 40 रन पर 5 विकेट और 49 रन पर 5 विकेट चटकाते हुए 89 रन देकर 10 विकेट लेने का कारनामा किया, जो भारत-वेस्टइंडीज के बीच खेले गए 90 टेस्ट मैचों में छठा बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन था। इतना ही नहीं भारत की तरफ से वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में यह तीसरे नंबर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन था। लेकिन इसके बावजूद भी ऐसा कहा जाता है कि रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की वजह से प्रज्ञान ओझा का करियर बुरी तरह से तबाह हुआ है।

ऐसा रहा प्रज्ञान ओझा का IPL सफर

कभी अकेले के दम पर Team India को जीताता था मैच, Ravindra Jadeja की वजह से तबाह हो गया पूरा करियर

बता दें प्रज्ञान ओझा ने इंडियन प्रीमियर लीग में डेक्कन चार्जर्स के लिए पहले सीजन में ही जगह बना ली थी। डेक्कन के साल 2009 में दक्षिण अफ्रीका की धरती पर आईपीएल खिताब जीतने में भी ओझा का बेहतरीन योगदान रहा था और इसी कारण उन्हें उसी साल टीम इंडिया के लिए टेस्ट, वनडे और टी-20 यानी तीनों फॉर्मेट में इंटरनेशनल करियर स्टार्ट करने का मौका मिल गया था। डेक्कन के साथ ही आईपीएल में ओझा का भी आखिरी सीजन 2011 रहा। चार सीजन खेलने के दौरान 56 मैच में उन्होंने 62 विकेट लिए, जिसके लिए उनका औसत 23.59 और इकॉनमी रेट 7.91 का रहा था।