Team India: जब हम छोटे होते हैं तो हमारे दिमाग में एक अलग लक्ष्य होता है लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हम मानसिक रूप से उससे ऊपर सोचने लगते हैं, लेकिन कई बार ऐसे भी मोड़ आते हैं जब हम कुछ और सोच रहे होते हैं और हमारे माता-पिता हमारे लिए कुछ और निर्णय लेते हैं.
नियति और फैसले के ताल मेल से कभी-कभी भाग्य ऐसा होता है कि आदमी को अर्श पर ले जाता है. टीम इंडिया (Team India) के एक खिलाड़ी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जिनकी जिंदगी आज उनके पिता के एक फैसले के कारण संवर गई वरना वह तो कुछ और ही बनना चाहते थे.
आर्मी जॉइन करना चाहता था Team India का ये खिलाड़ी
हम यहां टीम इंडिया (Team India) के जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं मनीष पांडे है जिनका जन्म नैनीताल में हुआ. घर में आर्मी वाला माहौल था जिस कारण बचपन से ही उनका शौक था कि वह आर्मी ज्वाइन करें.
एक रिटायर्ड कर्नल के बेटे मनीष पांडे ने पूरी तरह से आर्मी में जाने का सपना देखना शुरू कर दिया था, लेकिन उनके पिता चाहते थे कि उनका पुत्र एक क्रिकेटर बने और इसी वजह से उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया और आगे जाकर मनीष पांडे क्रिकेट को ही अपना सपना बनाकर इसी जीने लगे.
बचपन से ही दिखने लगी प्रतिभा
9 साल की उम्र में उन्होंने सैयद किरमानी की अकादमी में जाना शुरू किया जहां मैसूर के खिलाफ एक मैच में 40 गेंद में ही शतक लगा दिया था. फिर 2008 में ही उन्हें अंडर-19 विश्व कप का हिस्सा बनने का मौका मिला, जिनके साथ कोहली जडेजा और सौरभ तिवारी जैसे खिलाड़ी मौजूद थे.
साल 2008 में फिर मनीष पांडे ने आईपीएल में कदम रखा, जहां वह शतक लगाने वाले पहले भारतीय है जिसने आईपीएल में शतक लगाने का काम किया फिर उसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के टीम के लिए भी उन्होंने खेला. आईपीएल करियर के 171 मैच की 159 इनिंग में बल्लेबाजी करते हुए मनीष पांडे ने 3850 रन बनाने का काम किया है.
ऐसा रहा अंतरराष्ट्रीय करियर
मनीष पांडे के अंतरराष्ट्रीय करियर पर एक नजर डाले तो 14 जुलाई 2015 को उन्होंने अपना वनडे इंटरनेशनल में जिंबॉब्वे के खिलाफ कदम रखा. इसके अलावा 17 जुलाई 2015 में उन्होंने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला मैच खेला जो ऑस्ट्रेलिया टूर के दौरान टीम इंडिया (Team India) का हिस्सा थे.
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में मनीष पांडे द्वारा खेली गई 104 रनों की नाबाद पारी आज भी भूला नहीं जा सकता जब उन्होंने अपने दम पर भारत को मैच जिताया.
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