That-Day-Of-26-December-When-Tsunami-Wreaked-Havoc

26 December: 26 दिसंबर का दिन इतिहास में एक दुखद घटना के रूप में दर्ज है। दरअसल 2004 में इसी दिन इंडोनेशिया के उत्तरी भाग में स्थित असेह के निकट रिक्टर पैमाने पर 8.9 तीव्रता के भूकंप के बाद समुद्र के भीतर उठी सुनामी (Tsunami) ने भारत सहित कई देशों में भारी तबाही मचाई थी। उस समय तक सुनामी की पूर्व चेतावनी जैसी कोई प्रणाली प्रचलन में नहीं थी। इसी का नतीजा था कि 26 दिसंबर (26 December) को आई इस तरह की तबाही का किसी को अंदाजा भी नहीं था। थाइलैंड और अन्य देशों में समुद्र किनारे बने होटलों और रिसॉर्ट में बड़ी संख्या में ठहरे विदेशी पर्यटकों की इस समुद्री कहर ने जान ले ली थी।

26 दिसंबर 2004 की सुबह थी भयावह

26 December Sunami
26 December Sunami

उस साल 26 दिसंबर (26 December) की भयानक सुबह 7:58 बजे ही अचानक हिंद महासागर की लहरें चट्टान की ऊंचाईयों से होड़ लगाने लगी और जब थमी तब तक न जाने कितने शहरों और लोगों को खुद में समेट लिया। इसका प्रकोप सबसे अधिक दक्षिण भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया पर हुआ। इन देशों के अलावा सुनामी (Tsunami) ने थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बांग्लादेश पर भी अपना कहर छोड़ा था।

2 लाख से ज्यादा लोगों की गई थी जान

26 दिसंबर का वो दिन जब कहर बनकर बरपी सुनामी, भीषण तबाही में लाखों लोगों ने गंवाई जान, इतिहास का बना काला दिन 

26 दिसंबर (26 December) को आई इस सुनामी (Tsunami) नामक प्राकृतिक आपदा ने दो लाख से अधिक लोगों की जान ले ली थी। भारत स्थित पोर्ट ब्लेयर से करीब एक हजार कि.मी.आए भूकंप से पूर्वी भारत में बड़े पैमाने पर तबाही हुई थी। भूकंप और उससे पैदा हुई सुनामी की लहरों ने अंडमान द्वीप समूह, तमिलनाडु, आंंध्र प्रदेश और पांडिचेरी में भारी तबाही मचाई। इसके कारण 13 प्रभावित देशों में 7 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। अकेले तमिलनाडु के नागापट्टिनम में सुनामी के कारण 6000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। यह इलाका सबसे प्रभावित इलाकों में से एक माना जाता है।

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बर्बाद हो गया था सुमात्रा का उत्तरी तट

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26 दिसंबर (26 December) को आई इस सुनामी में भारत में जहां 16,279 लोगों की मौत हुई थी वहीं थाईलैंड में 5,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। बर्मा के तटों पर भी इसका असर दिखा था और भारत का अंडमान निकोबार भी इसकी चपेट में आ चुका था। उधर,इंडोनेशिया के सुमात्रा में समुद्र के नीचे दो प्लेटों में आई दरारें खिसकने से उत्तर से दक्षिण की ओर पानी की लगभग 1000 किलोमीटर लंबी दीवार खड़ी हुई थी जिसका रुख पूर्व से पश्चिम की ओर था। इस जल प्रलय में इतनी ताकत थी कि सुमात्रा की उत्तरी तट तो पूरी तरह बर्बाद हो गया था। इसके साथ आचेह प्रांत का तटीय इलाका भी पूरी तरह से समुद्री पानी में डूब गया था।