क्या आपको लगता है कि आईएस अधिकारी बनना बहुत कठिन काम है? लेकिन अगर आपके हौसले बुलंद है तो आपको कोई काम मुश्किल नहीं लगेगा और इंसान इन सब को पीछे छोड़ कर अपने सपने की ओर आगे बढ़ता है और कामयाबी हासिल करते है। ऐसे ही एक व्यक्ति की बात करने जा रहे है जिसकी कामयाबी ने सब लोगों को हैरत में डाल दिया है। बता दें कि यह व्यक्ति महाराष्ट्र के जालना जैसे छोटे से गांव रहने वाला है जिसका नाम अंसार अहमद शेख है।
21 साल की उम्र में पास की परीक्षा
अंसार ने महज 21 साल की उम्र में देश की सबसे प्रतिष्ठित एग्जाम में शुमार यूपीएससी परीक्षा में 371 वीं रैंक हासिल की। बचपन में एक वक्त ऐसा था, जब अंसार को दो वक्त की रोटी तक नहीं मिलती थी। कई-कई दिनों तक एक वक्त का ही खाना खाकर रहना पड़ता था। ऐसे हालातों में अंसार के पिता उसकी पढ़ाई छुड़वाना चाहते थे, वे चाहते थे कि अंसार पढ़ाई छोड़कर घर के खर्च में हाथ बटाएं।
पापा थे ऑटो ड्राइवर
सूत्रों के अनुसार अंसार के पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां खेतों में मजदूरी करती थी । पापा हर रोज मात्र सौ से डेढ़ सौ रुपये कमाते थे। घर में अम्मी-अब्बा समेत दो बहनें और दो भाई थे,तो इतनी कमाई में घर का भरण-पोषण से लेकर पढ़ाई-लिखाई हो पाना संभव नहीं था। अंसार ने बताया कि घर के हालात खराब होने की वजह से रिश्तेदारों ने अब्बा ने मुझसे पढ़ाई छोड़ने को कहा। ये कहने वे मेरे स्कूल भी चले गए लेकिन मेरे टीचर ने ऐसा करने से मना कर दिया। टीचर ने अब्बू को समझाया कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं, मुझे रोकना नहीं चाहिए। इस तरह धीरे-धीरे करके मैंने दसवीं तक की परीक्षा पास की।
वेटर का किया काम
अंसार ने बारहवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा तैयारी करने के लिए पैसे जुटाने के लिए सोचा। इसके बाद होटल में वेटर का काम किया, यहां लोगों को पानी सर्व करने से लेकर फर्श पर पोछा तक लगाया । आखिकार अंसार आईएएस अधिकारी बन गए और उनकी मेहनत रंग लाई। अंसार ने 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी और देश भर में 371वीं रैंक आई थी। इस समय अंसार पश्चिम बंगाल सरकार में OSD पर अधिकारी के रूप में कार्यरत है।