प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आईआईएम संबलपुर के स्थाई कैंपस की आधारशिला रखी है। इस अवसर पर उड़ीसा के राज्यपाल और साथ ही मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री प्रताप चंद्र सारंगी भी मौजूद रहे। इस अवसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विषयों को लेकर बातें कहीं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने problem solving के बारे में बात करते हुए कहा कि, हमारे यहां तो बन गई है कि प्रॉब्लम सॉल्विंग के लिए शार्ट टर्म में अप्रोच किया जाएगा। देश अब उस सोच से बाहर निकल चुका है। अब हमारा देश तत्कालीन जरूरतों से भी आगे बढ़कर लोंग टर्म सॉल्यूशन पर आ गया है। इसमें मैनेजमेंट का भी बहुत बड़ा सबक सीखने को मिला है। भारत ने गरीबों के लिए जनधन खातों में किस तरह से प्लानिंग हुई है, किस तरह से Implementation हुआ, इसका मैनेजमेंट किया गया इस पर पूरे प्रोसेस की तो वही गवाह है, जो उस समय बैंक संभालती थी। जो गरीब कभी बैंक के दरवाजे तक नहीं आ सकते थे।
ऐसे 40 करोड़ से भी ज्यादा गरीबों के बैंक अकाउंट खोलना इतना भी आसान नहीं है। मैं यह सब बातें आपको इसलिए बता रहा हूं , क्यों कि मैनेजमेंट का मतलब बड़ी-बड़ी कंपनियां ही संभालना नहीं होता है। सच्चे अर्थ में भारत जैसे देश के लिए मैनेजमेंट का मतलब जिंदगी संभालना भी होता है। मैं आपको उदाहरण देता हूं कि, यह इसलिए अहम है क्योंकि उड़ीसा के संतान भाई धर्मेंद्र प्रधान जी भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं।
Problem Solving के लिए अब हमारा जोर तात्कालिक जरूरतों से आगे बढ़कर Long Term Solution पर है। pic.twitter.com/gcVRjFpUyH
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2021
हमारे देश में रसोई गैस आजादी के करीब 10 साल बाद ही आ गई थी, लेकिन बाद में कई दशकों में रसोई गैस से एक लक्जरी की तरह बन गई। कई रईस लोगों की प्रतिष्ठा बन गई थी। लोगों को यह गैस कनेक्शन के लिए इतनी ज्यादा चक्कर लगाने पड़ते थे, पापड़ बेलने पड़ते थे, जब जाकर उन्हें गैस मिलती थी। हालत ये हुई थी कि 2014 तक आज से लगभग 6 साल पहले 2014 तक देश में रसोई गैस की कवरेज 55 percent ही थीं।
अप्रोच में परमानेंट सॉल्यूशन का भाव ना हो तो इसी तरह होता है। 60 साल में रसोई की कवरेज 55 परसेंट। इसी तरह से चलता रहता तो सबको गैस पहुंचने में यह शताब्दी आधी और बीत जाती। साल 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद में हमें तय कर लिया था कि, इसका परमानेंट सलूशन करना होगा।
आप सभी लोग जानते हैं कि, आज देश में गैस कवरेज कितनी ज्यादा है 98% से भी ज्यादा हो गई है। यह मैनेजमेंट से जुड़े आप सभी लोग जानते हैं कि, शुरुआत करके थोड़ा बहुत आगे बढ़ा जा सकता है। असली चैलेंज कवरेज को 100 परसेंट बनाने में होता है। फिर यह सवाल आता है कि, हमने यह कैसे प्राप्त किया है, कैसे अचीव किया? यह आपने मैनेजमेंट के साथियों के लिए बहुत अच्छी केस स्टडी हैं।
आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि- हमने इस समस्या को एक तरफ रखा एक तरफ परमानेंट सॉल्यूशन को रखा. चुनौती थी डिस्ट्रीब्यूटर्स को लेकर, हमने 10000 नए गैस डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन किए हैं. बॉटलिंग प्लांट कैपेसिटी की चुनौती थी। हमने देश भर में नए बॉटलिंग प्लांट लगाया देश की क्षमता को भी बढ़ाया, चुनौती दी पाइप लाइन कैपेसिटी की हमने इस पर भी हजारों करोड़ों रुपए खर्च किए और आज भी कर रहे हैं। चुनौती भी गरीब लाभार्थियों के चयन की है। हमने यह काम भी पूरी पारदर्शिता के साथ किया विशेष तौर पर उज्जवला योजना शुरू की गई।
परमानेंट सॉल्यूशन देने की नियत का नतीजा हुआ कि, आज देश में 28 करोड़ से ज्यादा लोग गैस कनेक्शन का फायदा उठा रहे हैं। साल 2014 से पहले देश ने 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे, सोचिए 60 साल में 14 करोड़ गैस कनेक्शन!! हमने पिछले 6 वर्षों में देश के 14 करोड़ से ज्यादा लोगों को गैस कनेक्शन दिए हैं। अब लोगों को रसोई के लिए भागना नहीं पड़ता है। उड़ीसा में उज्ज्वला योजना की वजह से करीब 5000000 गरीब परिवारों को गैस कनेक्शन मिल सका है।
हम पूरे भारत के दौरान देश में जो कैपेसिटी बिल्डिंग की है। उसी का नतीजा है कि, उड़ीसा के 19 जिलों में सिटी गैस डिसटीब्यूशन नेटवर्क तैयार हुआ है। यह सब बाहर है मैंने आपको इसलिए भी समझाया क्योंकि जितना आदेश की जरूरत से जुड़ेंगे देश की चुनौतियों को समझेंगे उतने ही अच्छे मैनेजर्स बन सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, मैं समझता हूं हायर एजुकेशन से जुड़े हुए संस्थानों के लिए जरूरी है कि, वह सिर्फ अपनी एक्सपेटाइज तक ही ध्यान न रखें। बल्कि उनका दायरा व्यापक भी होना चाहिए इसमें बड़ी भूमिका वहां पढ़ने वाले छात्रों की होती है। National Education Policy में Broad Based, Multi-disciplinary, Holis…