मुंबई. कोरोना वायरस के चलते काफी समय से सिनेमा हॅाल्स बंद पड़े है। अब जाके फिल्म देखने वालो के लिए राहत की खबर है. आपको बता दे कि 15 अक्टूबर से अब आप सिनेमा हॉल्स में जाकर फिल्म देखने का आनंद उठा सकते हैं. हाल ही में सरकार ने 15 अक्टूबर से कंटेनमेंट जोन के इलाकों को छोड़कर बाकी इलाकों में 50 प्रतिशत सीटों के साथ मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति दी है. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार महज 50 प्रतिशत सीटों के लिए ही बुकिंग होगी. दो लोगों के बीच की एक सीट खाली रहेगी और उस सीट पर मार्क लगाना आवश्यक होगा ताकि इस पर कोई बैठ न सके.
सिनेमाघरों में सबसे पहले रिलीज होगी ये फिल्म
सिनेमा हाल खुलने के बाद लोगो के मन में पहला सवाल यह आ रहा होगा कि सिनेमाघर खुलने के बाद पहली फिल्म कौन सी रिलीज होने वाली है. तो चलिए, आपके इस सवाल का जवाब भी हम दे देते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 15 अक्टूबर को सिनेमाघरों में जो पहली फिल्म रिलीज होने वाली है, उसका नाम ‘खाली पीली है. जी हां, वही ‘खाली पीली‘ जिसमें ईशान खट्टर और अनन्या पांडे की जोड़ी पहली बार एक साथ नजर आ रही है.
2 अक्टूबर को पहले ही रिलीज हो चुकी है फिल्म
बता दें, वैसे तो यह फिल्म 2 अक्टूबर को ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी प्लेक्स पर पहले ही रिलीज हो चुकी है, इसलिए यह कह पाना थोड़ा मुश्किल होगा कि कितने लोग इस फिल्म को देखने सिनेमाघरों तक जाएंगे. दूसरी ओर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सिनेमाघरों में महज 50 प्रतिशत सीटों के लिए ही बुकिंग होगी. इन दोनों वजहों से बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म को कितना नुकसान और फायदा होगा, ये तो आने वाले समय ही बतायेगा। इस फिल्म में ईशान खट्टर एक टैक्सीवाले की भूमिका में हैं. वहीं उनके अपोजिट हैं अनन्या पांडे. फिल्म में ईशान खट्टर और अनन्या पांडे के अलावा जयदीप अहलावत भी अहम भूमिकाओं में हैं. जयदीप अहलावत ‘खाली–पीली‘ में विलेन की भूमिका में हैं.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा‘ रिलीज
जानकारी के मुताबिक दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा‘ रिलीज करने की सबसे ज्यादा मांग बिहार और बंगाल वितरण क्षेत्र से आ रही है। हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई मुंबई वितरण क्षेत्र और उसके बाद दिल्ली यूपी वितरण क्षेत्र व ईस्ट पंजाब वितरण क्षेत्र से होती है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यो में हिंदी फिल्मों का कारोबार पहले के दोनों वितरण क्षेत्रों के मुकाबले काफी कम होता है। इनकी कुल हिस्सेदारी पर अकेले दिल्ली यूपी की हिस्सेदारी भारी पड़ती है।