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World Cup 2023: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का 13वां संस्करण 5 अक्टूबर से भारतीय सरजमीं पर खेला जाएगा। यह पहली बार है, जब भारत पूरे वर्ल्ड कप की अकेले मेजबानी कर रहा है। इसके पहले साल 2011 में भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने मिलकर वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी। तब भारत ने मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े के मैदान पर खेले गए फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल के बाद दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप जीता था।

अब इस वाकिए के लगभग 12 साल बाद फिर फैंस को उम्मीद है कि नीली जर्सी वाली टीम घरेलू सरजमीं पर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम करेगी। अजीत गरकर की अगुवाई वाली चयन समिति ने वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) के लिए 15 सदस्यीय स्क्वाड का ऐलान कर दिया है। अगर इस स्क्वाड के साथ टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीत जाती है, तो दो खिलाड़ियों के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा, जिसे आजतक किसी भारतीय खिलाड़ी ने नहीं बना सका है। आइए जानते हैं कि कौन हैं ये खिलाड़ी, लेकिन उससे पहले नजर डालते हैं वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल मुकाबले की संक्षिप्त जानकारी पर।

ऐसा रहा था वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला

2011 World Cup Final
2011 World Cup Final

उस रोमांचक फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। महेला जयवर्धने के शानदार शतक के अलावा कप्तान कुमार संगकारा (48) और तिलकरत्ने दिलशान (33) की अच्छी पारियों ने श्रीलंका को एक अच्छे स्कोर तक पहुंचने में मदद की थी। आखिरी के ओवरों में नुवान कुलसेकरा (32) और थिसारा परेरा (22) की ताबड़तोड़ पारियों ने श्रीलंका को 50 ओवर में 274 रन तक पहुंचा दिया। जवाब में गौतम गंभीर (97) और विराट कोहली (35) में टीम इंडिया को जीत की नींव रखी और फिर फिर महेंद्र सिंह धोनी ने 91 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए भारत को एक बार फिर वर्ल्ड चैंपियन बना दिया।

यह खास रिकॉर्ड बनाएंगे दो भारतीय खिलाड़ी

टीम इंडिया के ये 2 खिलाड़ी भारत को दूसरी बार जिताएंगे वर्ल्ड कप 2023, खेल चुके हैं हजारों मैच, तो एक जड़ चुका हैं 47 शतक 

अगर भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) जीतने में सफल होती है, तो टीम इंडिया के दो खिलाड़ी ऐसे होंगे, जो पहली बार दो वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनेंगे। ये दो खिलाड़ी हैं विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन।

विराट स्क्वाड का आधिकारिक रूप से हिस्सा हैं, जबकि अश्विन को फ़िलहाल बैकअप प्लेयर के रूप में स्क्वाड में शामिल किए जाने की संभावना है। दरअसल, अक्षर पटेल, जिन्हे वर्ल्ड कप की स्क्वाड में चुना गया है। वे एशिया कप के दौरान चोटिल हो गए थे। ऐसे में अगर वे फिट नहीं होते हैं, तो उनके स्थान पर अश्विन को वर्ल्ड कप की स्क्वाड में शामिल करने की संभावना है।

विराट कोहली का वर्ल्ड कप 2011 में प्रदर्शन

Virat Kohli
Virat Kohli

विराट कोहली ने 2011 के अलावा, 2015 और 2019 वनडे वर्ल्ड कप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। मगर ट्रॉफी जीतने का सौभाग्य उन्हें केवल 2011 में मिल सका। आपको बता दें कि कोहली ने अपने पहले वर्ल्ड कप यानि 2011 में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। उन्होंने टूर्नामेंट में 9 मुकाबलों में कुल 282 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक महत्वपूर्ण अर्धशतक शामिल था। वहीं, फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने महत्वपूर्ण 34 रन बनाए, जो श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखड़े स्टेडियम में खेला गया था और भारत ने यह ख़िताब मैच 6 विकेट से अपने नाम किया था।

कोहली के वर्ल्ड कप करियर की बात करें, तो उन्होंने 2011 से 2019 तक तीन वर्ल्ड कप में कुल 26 मुकाबले खेले हैं, जिनमें उनके बल्ले से 46.81 की औसत से 1030 रन निकले हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक और 6 अर्धशतक निकले।

रविचंद्रन अश्विन का वर्ल्ड कप 2011 में प्रदर्शन

R Ashwin
R Ashwin

साल 2010 में वनडे डेब्यू करने वाले रविचंद्र अश्विन ने  जब अपना पहला वर्ल्ड कप का मैच, तब उन्हें केवल 7 एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का अनुभव था। वर्ल्ड कप में हरभजन सिंह ऑफ़ स्पिनर के रूप में पहली पसंद थे। इसके बावजूद अश्विन को दो मुकाबलों में खेलने का मौका मिला और दोनों ही मुकानलों में उन्होंने नई गेंद के साथ काफी गेंदबाजी की।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वाटर फाइनल मुकाबले में काफी प्रभावशाली प्रदर्शन दिखाया। वे शेन वॉटसन (25) और रिकी पोंटिंग (104) के एक रूप में दो बड़े विकेट चटकाने में सफल रहे। उन्होंने नई गेंद से अपने पहले छह ओवरों में 30 रन दिए थे, जबकि शेष चार ओवर 35 ओवर के बाद फेंके। वहीं, अंतिम चार ओवरों में भी उन्होंने केवल 22 रन खर्च किए। गौरतलब है कि अश्विन ने इस वर्ल्ड कप से पहले अपने वनडे करियर में कभी भी नई गेंद से गेंदबाजी नहीं की थी।

अश्विन ने आठ मैचों में लिए 13 विकेट

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क्वार्टर फाइनल में अच्छा प्रदर्शन दिखाने के बावजूद आर अश्विन को पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए भारतीय प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। क्योंकि, यह मैच मोहाली में खेला जाना था, जहां तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है। ऐसे में अश्विन की जगह आशीष नेहरा को एक अतिरिक्त तेज गेंदबाज के रूप में प्लेइंग इलेवन में  शामिल किया गया।

इसके बाद साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप के अगले संस्करण में अश्विन ने सभी आठ मैच खेले और 25.38 की औसत से 13 विकेट लिए। उनके दोनों एकदिवसीय विश्व कप (2011 और 2015) में प्रदर्शन की बात करें, तो उन्होंने 10 पारियों में क्रमशः 24.88 और 34.2 की औसत और स्ट्राइक रेट से 17 बल्लेबाजों को आउट किया है। इस दौरान उन्होंने 4.36 की इकॉनमी रेट से रन खर्च किए।

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