IPL : क्रिकेट के सबसे मशहूर T20 लीग आईपीएल (IPL) में उस वक्त बड़ा हड़कंप मच गया, जब दो बड़ी फ्रेंचाइजियों को अचानक टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वजह है– सट्टेबाजी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप। यह फैसला भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने खुद लिया और पूरे क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी।
जहां एक ओर फैंस को इस पर यकीन नहीं हो रहा है, वहीं लीग की साख को लेकर भी बड़े सवाल खड़े हो गए। ये घटना आईपीएल इतिहास के सबसे विवादित पलों में से एक हो गई।
IPL का वो तूफानी सच, जब खुल गई पोल
ये पूरा मामला बड़ा ही सनसनीखेज है, लेकिन चौंकिये मत, ये मामला साल 2013 का है, जब आईपीएल (IPL) के दौरान कुछ मैचों में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी की जांच शुरू हुई थी। दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की जांच में चौंकाने वाले नाम सामने आए।
इस पूरे मामले में टीम अधिकारियों और खिलाड़ियों तक के कनेक्शन पाए गए, जिसके बाद आईपीएल (IPL) की पारदर्शिता पर सवालिया निशान लगा दिया। जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा कमेटी ने कड़ा फैसला सुनाया और दो फ्रेंचाइजियों पर दो साल का प्रतिबंध लग गया।
बैन हुई थी चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स
लोढ़ा समिति की रिपोर्ट के आधार पर चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) को आईपीएल (IPL) से दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया। CSK के टीम मैनेजर गुरुनाथ मयप्पन और RR के सह-मालिक राज कुंद्रा पर सट्टेबाजी से जुड़े आरोप साबित हुए थे।
दो साल के अंतराल के बाद फिर से मैदान में उतरीं दोनों टीमें
CSK और RR दोनों को 2016 और 2017 के आईपीएल (IPL) सीजन से बाहर रखा गया। उनकी गैरमौजूदगी में गुजरात लॉयंस और राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स जैसी टीमें लीग में शामिल हुईं। 2018 में जब ये दोनों दिग्गज फ्रेंचाइज़ियां वापसी कर रही थीं, तब फैंस का जोश और जुनून देखने लायक था।
सीएसके ने तो वापसी के साल में ही ट्रॉफी जीतकर दिखा दिया कि उनका जलवा बरकरार है।
वहीं राजस्थान रॉयल्स ने भी नए जोश के साथ टीम को फिर से खड़ा किया। दोनों टीमों की वापसी ने IPL को फिर से उसकी असली चमक लौटाई।