Indian Player: भारत में कभी भी क्रिकेट के टैलेंट की कमी देखने को नहीं मिली है। आमतौर पर किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए इंटरनेशनल लेवल पर भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का सपना होता है। लेकिन उनमें से चुनिंदा खुश क़िस्मत खिलाड़ियों ही होते है जिन्हें टीम इंडिया को रिप्रेजेंट करने का मौका मिलता है। जबकि कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं, जो शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद अपने मौके के लिए तरसते रहते हैं।
इसी कड़ी में आज हम आपको उन तीन भारतीय खिलाड़ियों (Indian Player) के बारे में बताएंगे जो अपने मुल्क से गद्दारी कर अमेरिका की टीम में शामिल हो गए है।
अमेरिका की टीम में शामिल हुए Team India के ये 3 खिलाड़ी
1. मिलिंद कुमार
33 वर्षीय मिलिंद कुमार भारत (Indian Player) में घरेलू क्रिकेट में जाना माना चेहरा है। वह दिल्ली के लिए रणजी खेल चुके है। मिलिंद ने 2018-19 के रणजी सीजन में सिक्किम के लिए 121 की औसत से 1331 रन बनाए थे।वो उस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। आपको बता दें, मिलिंद कुमार उन खिलाड़ियों में से एक है। जिन्होंने नेशनल टीम से खेलने के लिए अपना देश छोड़ना मुनासिफ समझा।
कोविड-19 के बाद मिलिंद ने अमेरिका का रूख किया जिसका उन्हें फायदा भी मिला। अमेरिका के कई लोकल टूर्नामेंट और फिर मेजर लीग क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत युवा खिलाड़ी को अमेरिका के लिए टी20 वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला था।
2. नीतीश कुमार
इस लिस्ट में दूसरा नाम भारतीय मूल (Indian Player) के नीतीश कुमार का है। नीतीश भी अमेरिका की क्रिकेट टीम में शामिल हैं। आपको बता दें, नीतीश ने साल 2011 में कनाडा के लिए खेलते हुए सबसे कम उम्र ( 16 साल 283 दिन) में वनडे वर्ल्ड कप खेलने वाले खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया था। 13 साल बाद अमेरिका के लिए खेलते हुए नीतीश ने हारिस राऊफ के खिलाफ चौका मारकर टीम को हार से बचा लिया था। जिसके बाद अमेरिकी टीम ने सुपर ओवर में मुकाबला अपने नाम किया।
3. सौरभ नेत्रवलकर
अमेरिका की टीम में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर भी भारतीय मूल (Indian Player) के हैं। आपको बता दें, सौरभ भारत (Team India) के लिए अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप खेल चुके हैं, लेकिन मुंबई में जन्में तेज गेंदबाज के लिए आगे की राह आसान नहीं थी। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाले सौरभ को कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमएस करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी।
हालांकि, उन्होंने अपने अंदर के क्रिकेट को कभी मरने नहीं दिया। वह अमेरिका के सभी लोकल टूर्नामेंट में खेलते रहे ताकि एक दिन टीम में जगह मिल जाए।