दोस्ती, एक अहसास है, जो संसार के हर रिश्ते से अलग है। तमाम रिश्तों के जंजाल में यह मीठा रिश्ता एक ऐसा सत्य है जिसकी व्याख्या करना मुश्किल है। व्याख्या का आकार बड़ा होता है। लेकिन गहराई के मामले में वह अनुभूति की बराबरी नहीं कर सकती। इसीलिए दोस्ती की कोई एक परिभाषा आजतक नहीं बन सकी। दोस्ती, शुद्ध और पवित्र मन का मिलन होती है। एक बेहद उत्कृष्ट अनुभूति, जिसे पाते ही तनाव और चिंता के सारे बंधन टूट जाते हैं। उलझनों की जंजीरें खुल जाती है।
आज हम आपको एक ऐसी अनोखी दोस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यह कहानी एक घोड़े और बिल्ली की दोस्ती की है…
मोरिस और चैंपी की दोस्ती
आपको बता दे घोड़े का नाम है Champy और जो उसके ऊपर बिल्ली बैठी है वो है Morris, ये दोनों हैं बहुत अच्छे वाले दोस्त हैं। ये दोनों बीते 7 वर्षों से साथ–साथ हैं, आजतक दोस्ती में दरार नहीं आई। आइए, आज इनकी कहानी से दोस्ती के कुछ मतलब सीखते हैं।
मोरिस को उसके ऑनर एक रेस्क्यू सेंटर से लाए थे। इसके बाद घोड़े ने धीरे–धीरे मोरिस के पास जाना शुरू किया। बता दें कि बिल्ली काफी शर्मिली होती है, वो जल्दी बाकी जानवरों के साथ घुलती–मिलती नहीं है। लेकिन चैंपी ने उससे दोस्ती कर ही ली।
मोरिस चैंपी की पीठ पर बैठ कर फार्म में घूमती है
मोरिस और चैंपी की दोस्ती ऐसी है कि वो चैंपी की पीठ पर बैठ जाती है और वो चलता रहता है। चैंपी… एक स्टॉप के पास जाकर खड़ा हो जाता है।
मोरिस वहां आती है और सीधे जंप मारकर उसकी पीठ पर चढ़ जाती है। फिर दोनों फार्म में इधर–उधर घूमते रहते हैं।यहां तक कि चैंपी घास चरता रहता है और मोरिस उसकी पीठ पर बड़े ही आराम से बैठी रहती है।
चैंपी मोरिस का इंतजार करता है। जब वो उसकी पीठ पर बैठ जाती है तभी वो आगे बढ़ता है। दोनों की दोस्ती कितनी प्यारी है ना? अगर आपने भी कभी ऐसी दोस्ती की मिसाल देखी–सुनी हो तो हमारे साथ जरूर शेयर करें।