Gautam Gambhir: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज फ़िलहाल एक – एक की बराबरी पर है। पर्थ टेस्ट जीतकर मेहमान टीम ने अपने दौरे की शानदार शुरुआत की। मगर कंगारुओं के दूसरे टेस्ट में जबरदस्त वापसी करते हुए रोहित एंड कंपनी को 10 विकेट से धुल चटा दी।
वहीं, अब गाबा टेस्ट में भी टीम इंडिया पूरी तरह बैकफुट पर नजर आ रही है। इसी बीच भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर की जमकर आलोचना की जा रही है।
Gautam Gambhir का फैसला पड़ा भारी

पर्थ टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा। मगर एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल मुकाबला में मेहमान टीम के बैट्समैन बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए। अब गाबा में भी टीम इंडिया रन बनाने के लिए संघर्ष करती हुई नजर आ रही है। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 445 रनों के जवाब में भारत ने 50 रन के भीतर ही 4 विकेट गंवा दिए। इसी बीच अब हेड कोच गौतम गंभीर के इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है।
गंभीर से हुई चूक

दरअसल, राहुल द्रविड़ के बाद जब गौतम गंभीर को मुख्य कोच बनाया गया, तो उन्होंने कोई बैटिंग कोच नहीं रखने का फैसला लिया। उसकी जगह उन्होंने अभिषेक नायर और रयान टेन डोएशेट को अपना सहायक नियुक्त किया। अब भारतीय टीम की खराब बल्लेबाजी देख गौतम का यह फैसला सभी की नज़रों में खटक रहा है और फैंस उनकी आलोचना कर रहे हैं।
उम्मीद की जा रही थी कि गंभीर खुद बल्लेबाज रह चुके हैं, इसलिए उन्होंने बैटिंग कोच कोच न लेने का फैसला लिया। मगर अब यह निर्णय भारी पड़ता हुआ नजर आ रहा है।
विक्रम राठौर की खल रही है कमी

राहुल द्रविड़ के कार्यकाल के दौरान टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर थे। उन्होंने शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल जैसे कई युवा खिलाड़ियों की मदद की। मगर जून 2024 में राहुल द्रविड़ के साथ ही उनका कार्यकाल भी खत्म हो गया। अब भारतीय बल्लेबाजों का खराब हाल देख उनकी काफी कमी खल रही है।
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