Team India: भारतीय क्रिकेट में जहां कुछ खिलाड़ी दशकों तक चमकते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी रहे हैं जिनका करियर सिर्फ एक मैच का मेहमान बनकर रह गया। जिन उम्मीदों के साथ उन्होंने नीली जर्सी पहनी, वही उम्मीदें कुछ ही घंटों में चकनाचूर हो गईं। यहां हम बात कर रहे हैं उन चार भारतीय क्रिकेटरों की जिनका डेब्यू मैच ही उनके करियर का अंतिम मैच साबित हुआ। किसी को मौके नहीं मिले, तो किसी को टीम में जगह बनाने के लिए परिस्थितियां ही नहीं मिलीं।
ये हैं वो 4 बदनीसब खिलाड़ी

1. परवेज रसूल
परवेज रसूल जम्मू-कश्मीर से भारत के लिए खेलने वाले पहले क्रिकेटर बने थे। एक ऑलराउंडर के तौर पर उन्होंने 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। सभी को उम्मीद थी कि वो लंबे समय तक टीम इंडिया (Team India) का हिस्सा रहेंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें उसके बाद दोबारा कभी प्लेइंग XI में जगह नहीं मिली। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद चयनकर्ताओं ने उन पर दोबारा भरोसा नहीं जताया।
2. फैज फजल
फैज फजल ने 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया था और पहले ही मैच में शानदार 55 रन बनाए। ओपनिंग बल्लेबाज की भूमिका में उन्होंने टीम को तेज शुरुआत दिलाई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें दोबारा कभी टीम (Team India) में शामिल नहीं किया गया। उनका प्रदर्शन खराब नहीं था, फिर भी वे सिस्टम की अनदेखी का शिकार हो गए। आज भी फैज फजल घरेलू क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद नामों में गिने जाते हैं।
3. बी.एस. चंद्रशेखर
बी.एस. चंद्रशेखर नाम का एक महान भारतीय स्पिनर हुआ है। मगर आज हम जिस बी.एस. चंद्रशेखर की बात कर रहे हैं उसका नाम 2010 के दशक में सामने आया। उनके करियर की कहानी अलग रही। उन्हें टेस्ट टीम (Team India) में शामिल किया गया था, लेकिन डेब्यू का मौका मिलने से पहले ही चोट और फॉर्म की मार झेलनी पड़ी। उनका करियर रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं हो सका और क्रिकेट से मजबूरी में दूरी बनानी पड़ी।
4. पंकज सिंह
पंकज सिंह घरेलू क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले शानदार तेज गेंदबाज रहे हैं। उन्हें 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू का मौका मिला, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। उन्होंने 2 टेस्ट खेले, पर विकेट नहीं मिले और आलोचना का शिकार हो गए। इसके बाद चयनकर्ताओं ने उनसे मुंह मोड़ लिया। पंकज का जज़्बा काबिल-ए-तारीफ था, लेकिन उनका अंतरराष्ट्रीय करियर अधूरा ही रह गया।