सोमवार को यूपी एसटीएफ की टीम के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। चित्रकूट से कुख्यात बदमाश विकास दुबे के गुर्गे बाल गोविंद दुबे को धर दबोच लिया गया है। वो चित्रकूट में साधु- संतों की वेश- भूषा पहनकर रह रहा था।
अभी तक बिकरू कांड के तार चित्रकूट से जोड़कर देखे जा रहे हैं। इससे पहले शशिकांत दुबे को भी चित्रकूट से ही गिरफ्तार किया गया था। बताया जा रहा है कि- वो वहां पर कुंज बिहारी आश्रम में छिपा बैठा था। कानपुर के बिकरू गांव में हुए कांड के एक हफ्ते बाद गोविंद के गुर्ग चित्रकूट पहुंचा गया था।
जहां पर वह कुंज बिहारी आश्रम की साफ- सफाई और साधु- संतो की सेवा में लगा रहता था। वहीं पर उसने अपना रैन- बसेरा बना लिया था। जिसके चलते उसे सिर पर रहने के लिए छत दो वक्त का खाना मिल जाता था। लेकिन यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम उसे ढूंढ रही थी।
शशिकांत पांडेय और बालगोंविद दुबे को चित्रकूट से किया गिरफ्तार
अभी तक पुलिस की थ्योरी के मुताबिक, कानपुर पुलिस कांड के आरोपियों का कनेक्शन चित्रकूट से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही शशिकांत पांडेय भी कई दिनों से चित्रकूट में पुलिस से छिपकर बैठा था। जानकारी के मुताबिक, बदमाशों के करीबी गुर्गे यहां पर ही रहते हैं। जिसके चलते चित्रकूट में उन्हें छिपने के लिए ठिकाना आसानी से मिल जाता है।
आश्रम के प्रबंधक के लोग अनजान शख्स को तभी रखते हैं जब उसके बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम उस शख्स को तलाश रही है, जिसने बालगोविंद को आश्रम में पनाह दिलाई थी। हालांकि, अभी तक एसटीएफ की टीम को इस मामले में कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा है।
बालगोंविद मध्यप्रदेश जाने की फिराक में था
एसटीएफ की गिरफ्त में आए बालगोविंद ने बताया कि- वो कुछ दिनों मध्यप्रदेश के किसी धार्मिक जगह पर जाने की प्लानिंग कर रहा था। उसको ये अंदेशा हो रहा था कि शशिकांत के चित्रकूट से पकड़े जाने के बाद उसके गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा था। आपकों बता दें कि- बिकरू कांड का मास्टरमांइड विकास दुबे भी 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद मध्य्प्रेदश के उज्जैन स्थित महाकाल के मंदिर के बाहर पकड़ा गया था। जिसके बाद मध्यप्रदेश की पुलिस ने यूपी एसएटीएफ की टीम को सौंप दिया था।
साधु- संत की वेश-भूषा में मिला बाल गोविंद दुबे
यूपी की एसटीएफ की टीम ने विकास दुबे के साथी बालगोंविद को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। बिकरू कांड के बाद से ही वो मोइबल फोन यूज नहीं कर रहा था। चित्रकूट में रहने के दौरान वो अपने जान-पहचान वालों या राहगीरों के जरिए बातचीत करता था।
ये जानकारी सामने आ रही है कि उसने एक साधु के मोबाइल के फोन से बातचीत की। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने जानकारी मिलने के बाद उसको चित्रकूट से गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है। फिलहाल पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।