एक माह पहले बिकरू ने देखा था मौत का तांडव, विकास दुबे ने खेली थी खून की होली

कानपुर- देश दुनिया की सुर्खियों बने चौबेपुर के बिकरू कांड में सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की घटना के बाद अभी तक सभी आरोपित हत्थे नहीं चढ़े हैं। पुलिस लगातार दबिशें देकर आरोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। सोमवार की दोपहर एसएसपी ने बिकरू पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया और करीब बीस मिनट तक हर एक जगह पर जाकर पड़ताल की।

उन्होंने समझने का प्रयास किया आखिर विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिस कर्मियों को किस तरह से मारा होगा। दो जुलाई की रात बिकरू गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके कई साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर दबिश देने गए सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। सोमवार को नवागंतुक एस एस पी प्रीतिंदर सिंह घटनास्थल का मुआयना करने के लिए बिकरू गांव पहुंचे।

एसएसपी ने की गहनता से जांच पड़ताल

एक माह पहले बिकरू ने देखा था मौत का तांडव, विकास दुबे ने खेली थी खून की होली
सबसे पहले उन्होंने उस स्थान को देखा, जहां सीओ देवेंद्र मिश्र की नृशंस हत्या की गई थी। वह हर एक जगह पर बारी बारी से गए, जहां पर दो जुलाई की रात आठ पुलिस कर्मियों को मारा गया था। एसएसपी ने घटना के बाद मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे व उसके पांच गुर्गो के घरों को भी देखा। उन मकान की छतों को भी देखा, जहां से पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया गया था।

अधूरे शौचालय को भी देखा, जहां छिपे पांच पुलिसकर्मी पर चौतरफा छतों से गोलियों की बौछार की गई थी। एनकाउंटर में मारे जा चुके प्रेम शंकर के घर का आंगन भी देखा, जहां पर जान बचाने के लिए दीवार फांदकर सीओ देवेंद्र मिश्रा कूदे थे। घटना स्थल की गहन पड़ताल करने के बाद एसएसपी वापस चले गए।

एक माह पहले खून से लाल हो गई थीं बिकरू की गलियां

आज से ठीक एक माह पहले दो जुलाई की आधी रात सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा द्वारा कुख्यात विकास दुबे पर राहुल तिवारी की तहरीर पर शिवराजपुर, बिठूर और चौबेपुर पुलिस के साथ दबिश दी थी। कुख्यात विकास दुबे गैंग ने सीओ बिल्हौर सहित एसओ शिवराजपुर महेश यादव, एसआई अनूप कुमार, नेबू लाल सहित आरक्षी जितेंद्र, सुल्तान, बबलू और राहुल की हत्या कर दी गई थी। पूरा गैंग पांडु नदी के गुप्त रास्ते से शिवली की ओर भाग गया था।

पुलिस ने घटना के कुछ ही देर बाद तीन जुलाई को काशीनाथपुरवा में गैंग के सदस्य अतुल दुबे, विकास के मामा प्रेम प्रकाश को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद 8 जुलाई को मौदहा हमीरपुर में अमर दुबे, इटावा में प्रवीण उर्फ बउआ और पनकी कानपुर में प्रभात मिश्रा को मुठभेड़ में ढेर किया था।

बिकरू के राशन विक्रेता दयाशंकर, गैंग के सदस्य श्यामू का चौबेपुर हाफ काउंटर हुआ था। घटना के एक माह बाद भी पुलिस और अन्य जांच अधिकारी पूरे मामले के खुलासे में लगे हुए हैं। वहीं कई अपराधी अभी भी खुली हवा में सांस ले रहे हैं।

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