Virat Kohli: खेल हो या कोई कंपनी हो. हर लीडर के कुछ खास खिलाड़ी होते हैं. जिन्हें वह हर कीमत पर टीम में रखना चाहते हैं. बेशक से उनका प्रदर्शन का ग्राफ डाउन हो रहा हो. लेकिन एक कैप्टन उन पर भरोसा करता है और उनके हुनर को निखारता है. हालांकि जब टीम का कप्तान बदलता है तो पूरी टीम की कायापलट जाती है.
नया कैप्टन पुराने खिलाड़ियों को निकाल दूसरे खिलाड़ियों को मौका देता है. ऐसे में पहले से खेल रहे अनुभवी खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बैठना पड़ता है. आज हम इस आर्टिकल के जरिये ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो जिनपर विराट कोहली (Virat Kohli) का हाथ था लेकिन रोहित शर्मा की कैप्टेंसी में उन्हें एक मौका मिलना भी मुश्किल हो गया.
1. ईशांत शर्मा
ईशांत शर्मा विराट कोहली (Virat Kohli) के ना सिर्फ बचपन के दोस्त थे बल्कि उनके बलबूते किंग कोहली ने विदेश की धरती पर कई बार भारत का झंडा लहराया. कोहली की कप्तानी में ईशांत ने टीम इंडिया में लगभग हर टेस्ट मैच खेले हैं. लेकिन रोहित शर्मा की कैप्टेंसी में तेद गेंदबाज एक मौके के लिए भी तरस गया.
ईशांत शर्मा ने टीम इंडिया के लिए 105 टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 311 विकेट अपने नाम किए. वनडे में भारतीय खिलाड़ी ने 80 मैच खेले और 115 विकेट चटकाए. जबिक ईशांत ने टी20I में सिर्फ 14 मुकाबले खेले और 8 विकेट लिए.
2. हनुमा विहारी
भारतीय घरेलू क्रिकेट में चमक रहे हनुमा विहारी आंध्र प्रदेश के लिए खेलते हैं. वह एकमात्र भारतीय घरेलू खिलाड़ी हैं जिन्होंने विकेट के पीछे से क्रिस गेल को आउट किया था. लेकिन एक जामना था वो भारतीय टीम की हर टेस्ट सीरीज का हिस्सा हुआ करते थे. ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर वो सिडनी टेस्ट मैच की यादें तो यकीनन आज भी फैंस के दिमाग में ताजा होगी, जब चोटिल हनुमा विहारी ने आर अश्विन के साथ मिलकर टीम इंडिया की हार को जीत में बदल दिया था.
लेकिन विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी जाते ही हनुमा विहारी का रोहित शर्मा की टेस्ट टीम से नाम गायब हो गया. हनुमा विहारी ने टीम इंडिया के लिए 16 टेस्ट मैच खेलने हैं. इस दौरान उन्होंने अपने बल्ले से 839 रन बनाए.
3. मयंक अग्रवाल
बतौर ओपनर मयंक अग्रवाल विराट कोहली (Virat Kohli) के चहिते खिलाड़ियों में से एक थे. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें साल 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में डेब्यू मिला था. भारतीय क्रिकेट इतिहास के वह 27वें ऐसे बल्लेबाज बने जिन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच फिफ्टी जड़ी. इसके अलावा मयंक ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ साल 2019 में घरेलू टेस्ट सीरीज में अपना पहला शतक जड़ा.
टेस्ट टीम में मयंक रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग किया करते थे. हालांकि कप्तानी की बागडोर संभालते ही हिटमैन ने मयंक को ही सबसे पहले बाहर किया. मयंक अग्रवाल ने रोहित शर्मा की कैप्टेंसी में 2022 में सिर्फ एक सीरीज खेली. इसके बाद फिर कभी उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में खेलने का मौका नहीं मिला.
मयंक अग्रवाल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 21 टेस्ट मैचों की 36 पारियों में 41.33 के औसत से कुल 1488 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 4 शतक और 6 अर्धशतक निकले. वहीं, वनडे क्रिकेट में उन्होंने सिर्फ 5 मुकाबले खेले हैं. जिसमें वह सिर्फ 86 रन बनाने में ही कामयाब रहे.
4. भुवनेश्वर कुमार
विराट कोहली (Virat Kohli) की फेवरेट खिलाड़ियों की लिस्ट में भुवनेश्वर कुमार का भी नाम शामिल था. कोहली की कप्तानी में ज्यादातार मैचों की गेंदबाजी की जिम्मेदारी भुवनेश्वर कुमार के कंधों पर हो होती थी. इतना ही नहीं, शुरूआती ओवर में किंग कोहली भुवी के हाथों में गेंद थमाते थे. हालांकि रोहित की कप्तानी आते ही भारतीय गेंदबाज टी20 क्रिकेट में तो दिखाई दिया लेकिन वनडे टीम से बाहर हो गया.
भुनेश्वर कुमार ने टीम इंडिया के लिए सिर्फ 21 टेस्ट मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने 63 विकेट चटकाए. जबकि उन्होंने वनडे फॉर्मेट क्रिकेट में 121 मुकाबले खेलते हुए 5.08 इकोनॉमी रेट से 141 विकेट अपने नाम किए. वहीं, ‘स्विंग किंग’ने टी20I के 87 मैचों में 90 विकेट गिराए.
5. मनीष पांडे
विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में मनीष पांडे ने भारत के लिए वनडे और टी20I क्रिकेट फॉर्मेट खेला है. हालांकि कोहली की टीम में वह अंदर-बाहर होते रहते थे. लेकिन उन्हें लगातार खेलना का मौका मिलता रहता. जबकि रोहित शर्मा की कैप्टेंसी में वह मिस्टर इंडिया बन गए.
मनीष पांडे ने टीम इंडिया के लिए वनडे क्रिकेट में 29 मुकाबले खेले हैं. इन दौरान उन्होंने 90 की स्ट्राइक रेट से 566 रन बनाए. जबिक टी20I में उन्होंने 39 मैचों में 126.2 की स्ट्राइक से सिर्फ 709 रन जोड़े. मनीष ने अपना आखिरी वनडे साल 2021 में कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी में खेला था. इसके बाद वह फिर कभी टीम इंडिया में खेलते हुए नहीं दिखाई दिए.