Aaryavir Sehwag: वीरेंद्र सहवाग को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन और खतरनाक बल्लेबाजों की सूची में रखा जाता है। क्रिकेट के जानकर बताते हैं कि एक बल्लेबाज को सफल होने के लिए अपनी तकनीक में सुधार करना होता है, लेकिन वीरू को इससे कोई लेना देना नहीं था। वो बस गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने में यकीन रखते थे। उनकी विष्फोटक बल्लेबाजी के सामने दुनिया का हर गेंदबाज खौफ में रहता था।
अब वीरेंद्र सहवाग के बेटे आर्यवीर (Aaryavir Sehwag) भी उनके ही नक़्शे कदमों पर चल रहे हैं। आर्यवीर इस समय विजय मर्चेंट ट्रॉफी में खेल रहे हैं, जहां एक बार फिर उन्होंने अपने बल्ले से धमाल मचाया है। आइये आपको पूरी खबर बताते हैं।
Aaryavir Sehwag ने की यूपी के गेंदबाजों की धुनाई
![अपने पापा से भी खतरनाक बल्लेबाज है वीरेंद्र सेहवाग का बेटा, 10 चौके - 3 छक्के और बना दिए 362 रन 2 Aaryavir Sehwag](https://hindnow.com/wp-content/uploads/2023/12/Aaryavir-Sehwag.webp)
विजय मर्चेंट ट्रॉफी के एक मुकाबले में आर्यवीर सेहवाग (Aaryavir Sehwag) ने दिल्ली की तरह से खेलते हुए यूपी के गेंदबाजों की जमकर कुटाई की। उन्होंने ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 83 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से कई बेहतरीन स्ट्रोक्स निकले। युवा बल्लेबाज ने अपनी पारी में कुल 10 चौके और 3 छक्के लगाए। इसका मतलबा है कि 83 में से 58 रन उन्होंने केवल बॉउंड्री की मदद से बना लिए।
गौरतलब है कि आर्यवीर अपने पिता की ही तरह सलामी बल्लेबाज हैं और पहले ही ओवर से गेंदबाजों के ऊपर ताबड़तोड़ हमले करना शुरू कर देते हैं।
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आर्यवीर की शानदार पारी की बदौलत दिल्ली ने हासिल की बढ़त
![अपने पापा से भी खतरनाक बल्लेबाज है वीरेंद्र सेहवाग का बेटा, 10 चौके - 3 छक्के और बना दिए 362 रन 3 Aaryavir Sehwag](https://hindnow.com/wp-content/uploads/2023/12/Aaryavir-Sehwag.jpg)
आर्यवीर (Aaryavir Sehwag) की शानदार पारी की बदौलत दिल्ली ने अपनी पहली पारी में 362 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में उत्तर प्रदेश की टीम 254 रन बनाकर ढेर हो गई। वहीं, दिल्ली का स्कोर दूसरी पारी में भी 250 के पार पहुंच चुका है और उनके हाथ में 4 विकेट शेष हैं।
आपको बता दें कि पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करने वाले आर्यवीर दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर सके और 14 गेंदों में 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। हालांकि, आदित्य कौशिक (84) और नैतिक माथुर (85) ने मोर्चा संभाल लिया। दिल्ली को दूसरी पारी में भी अच्छे स्कोर तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभाई।