फेमस डायरेक्टर की हंसल मेहता की ‘स्कैम 1992 ‘ नाम की वेब सीरिज काफी चर्चे में है. दरअसल यह कहानी हर्षद मेहता की जिन्हें स्टाक मार्किट का अभिताभ बच्चन कहा जाता था. करीब पांच हजार करोड़ का घोटाला करके हर्षद ने पुरे भारत को हिला दिया था. जिससे आज भी हर्षद का नाम भारत के सबसे बड़े घोटाले के रूप गिना जाता है. आज हम बात करेंगे हर्षद मेहता के बाद उनकी फेमली कहां है और किस हालत में है.
कुछ इस तरह हुयी हर्षद मेहता की शुरुआत
गुजराती परिवार में जन्मे हर्षद मेहता ने अपना बचपन छत्तीसगढ़ के रायपुर में बिताया और रायपुर में अपनी स्कूल खत्म करने के बाद वो वापस मुंबई आ गये जहां उन्होंने बी.काम की पढाई कर ग्रेजुएशन खत्म कर लिया. हालाँकि पढाई के बाद कोई अच्छा काम न मिल पाने के वजह से वह हौजरी कपड़ो के खरीद बेच में लग गए.
और फिर स्टाक मार्किट में हर्षद की एंट्री तब हुयी जब उन्होंने न्यू इंडिया इन्सुरेंस कंपनी में काम करना शुरू किया और यहीं से हर्षद को स्टाक मार्किट में दिलचस्पी आ गयी. जिसके बाद उनके लालच ने उनको जेल में पहुंचा दिया. दरअसल उन्होंने करीब पांच हजार करोड़ का घोटाला करके पुरे भारत को हिला दिया था, और साल 2001 में हर्षद की हार्ट अटैक आने से उनकी मौत हो गयी.
कहाँ है हर्षद मेहता की फैमली
आज हम बात करेंगे हर्षद मेहता की फैमली के बारे में, जहां बात आती है सबसे पहले उनके बड़े भाई अश्विन मेहता की तो हर्षद के ऊपर कोर्ट केसेज आने के बाद उन्होंने लॉ की पढाई शुरू कर दी थी. जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रेक्टिस भी की है. और आज की डेट में वह एक प्रोफशनल एडवोकेट है.
आपको बता अश्विन मेहता ने अपने भाई के नाम से लगा धब्बा हटाने के लिए अश्विन ने अलग-अलग बैंकों को लगभग 1700 करोड़ रुपयों की भरपाई भी कर दी है. बता दें कि ये पैसे अश्विन को शेयर मार्केट से ही मिले थे और उनका इस्तेमाल उन्होंने हर्षद मेहता के नाम से घोटालेबाज का धब्बा भी हटा दिया है.
बेटे अतुर के होने का कोई पुख्ता साबुत नहीं
आपको बता दें हर्षद मेहता की पत्नी का नाम ज्योति है, और इनका अतुर नाम का एक बेटा भी है. वहीं उनके बेटे अतुर के बारे में आज तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पायी है. ऐसा माना जाता है ये परिवार जानबूझ कर लो प्रोफाइल जिंदगी जीता है, जिससे किसी भी प्रकार का कोई खतरा ना हों. बहरहाल अतुर मेहता का जिक्र एक बार बिजनेस स्टैंडर्ड में देखने को मिला था.
जहां अखबार के मुताबिक उन्होंने एक टेक्सटाइल कंपनी एक बहुत बड़ा शेयर अपने नाम किया था. देखा जाय तो अतुर के दादा यानी हर्षद के पिता ने भी मुंबई आने पर टेक्सटाइल बिजेनस में हाथ आजमाया था और खुद हर्षद ने भी कपड़ा व्यापार में मामूली कारोबारी की तरह काम की शुरुआत की थी , लेकिन सफलता ना मिल पाने के कारण उन्होंने शेयर मार्केट में अपनी किस्मत और दिमाग आजमाया.