अधिकतर ऐसे मामले सुने हैं कि पत्नियों द्वारा पति से भरण-पोषण के लिए रुपये मांगने के। लेकिन यही मामला उल्टा हो जाये तो। जी हाँ भोपाल के कुटुम्ब न्यायालय में एक अनूठा मामला सामने आया है। इस मामले में पति ने अधिकारी पत्नी से जीवन-यापन करने के लिए भरण-पोषण की राशि मांगी है। दरअसल फेसबुक के जरिए प्यार हुआ। फिर छह साल पहले दोनों ने शादी कर ली थी। पत्नी सरकारी अधिकारी है तो पति निजी कंपनी में नौकरी करता था। शादी के कुछ दिन बाद ही पति ने नौकरी छोड़ दी। कुछ दिनों बाद पत्नी को लगा कि पति उसकी कमाई की अहमियत नहीं समझ रहा। तभी उसने एटीएम ब्लॉक करा दिया। इस बीच पत्नी ने मां बनने की इच्छा जताई तो पति ने सहयोग नहीं किया। विवाद बढ़ गया तो फिर पति ने कुटुम्ब न्यायालय में केस किया।
पति ने लगाया भरण-पोषण भत्ता का केस
एटीएम ब्लॉक करने और पत्नी की बात न मानने के कारण छोटा विवाद बढ़ गया। शादी के छह साल हो गए लेकिन पत्नी मां नहीं बन पाई। पति की बेरुखी इस मसले पर जारी थी। वही डॉक्टरों ने महिला को सलाह दी कि उसकी उम्र 40 साल हो चुकी है इसलिए परिवार बढ़ाने के बारे में जल्द ही निर्णय लेना होगा। पति जब इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो तब उसने आइवीएफ तकनीक से मां बनने पर विचार किया, इसके लिए भी पति का सहमति पत्र मांगा गया।
पत्नी के अनुसार पति ने इसके लिए भी मना कर दिया। उसने धमकी दी कि मैंने तुमसे पैसों के लिए शादी की थी, इसलिए मैं तुम्हें कभी मां बनने का सुख नहीं लेने दूंगा। परेशान पत्नी ने भी कुटुम्ब न्यायालय का शरण ली। इस पर पति ने भी भरण-पोषण भत्ता का केस लगा दिया।
काउंसिलिंग में पत्नी ने कहा
पत्नी ने काउंसिलिंग में बताया कि उसे डॉक्टरों ने भी सलाह दी है कि अब उसके पास मां बनने के लिए एक-दो साल का ही समय है, लेकिन पति जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं है। ऐसे में वह मानसिक रूप से परेशान है।
पति मांग सकता है भरण-पोषण
विधि विशेषज्ञों का कहना है कि पति भी पत्नी से भरण-पोषण मांग सकता है। लेकिन इसके लिए उसे यह सुबूत पेश करना होगा कि वह कमाने में सक्षम नहीं है।
पति इस कारण नहीं बढ़ाना नहीं चाहता परिवार
पति ने कहा कि अगर मैं नौकरी करता और पत्नी भरण-पोषण भत्ता मांगती तो मुझे देना पड़ता तो फिर पत्नी भी मुझे दे सकती है। उसने कहा पत्नी अधिकारी है तो वह मुझे कुछ समझती ही नहीं और न ही मेरा सम्मान करती है। इस कारण मैं परिवार को आगे बढ़ाना नहीं चाहता। वही अगर पत्नी मां बनना चाहती है तो यह पति का दायित्व है कि वह उसकी इच्छा की पूरा करे। अगर पति ऐसा नहीं करता तो यह मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। पत्नी के लिए यह तलाक का आधार बन सकता है। साथ ही पति भी भरण-पोषण पत्नी से मांग सकता है।