उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ में लंदन से लौटे एक डॉक्टर के साथ दो तांत्रिक में ने मिलकर ठगी की, जिसमें ठगों ने डॉक्टर साहब को अलादीन का चिराग देने के बदले में करोड़ों रुपए ठग लिए. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और साथ ही तथाकथित अलादीन का चिराग भी बरामद हुआ है. बताया जा रहा है कि, तांत्रिकों ने डॉक्टर साहब से अलादीन के चिराग के नाम पर 2.5 करोड़ रुपये ठगे.
महिला के साथ मिलकर तांत्रिक करते थे ठगी
यह ठगी का मामला मेरठ के थाना ब्रम्हपुरी का है, जहां पर खैर नगर अहमद रोड पर रहने वाले डॉक्टर लाइक अहमद ने पुलिस में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है. रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उन्होंने बताया कि,
”तांत्रिक इकरामुद्दीन, अनीस और एक महिला ने मिलकर उनके और उनके परिवार के साथ तंत्र मंत्र का प्रयोग किया और करोड़ों रुपए की ठगी कर ली. तांत्रिकों ने उनसे कहा कि वह इस चिराग से मालामाल हो जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ” .
डॉक्टर लाइक अहमद एक फिजीशियन हैं, उन्होंने एफआरएचएस की पढ़ाई लंदन से की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ” यह तांत्रिक लगभग 2 साल से उनके साथ ठगी कर रहे हैं, और अब तक किस्तों में उनसे 2.5 करोड़ रुपए भी ठग चुके हैं. आरोपियों ने डॉक्टर साहब को विश्वास दिलाया कि यह अलादीन का चिराग है, और यह चिराग उनकी सारी इच्छा पूरी कर देगा. इस चिराग की कीमत 2.5 करोड़ है, लेकिन वह इन्हें 70 लाख के डिस्काउंट में दे देंगे. पुलिस के मुताबिक, जिस अलादीन के चिराग को ठगों ने डॉक्टर साहब को बेचा, वह स्टील का बना हुआ है ना कि सोने का.
काला जादू की देते थे धमकी
डॉ लईक अहमद ने बताया कि,
” तांत्रिकों ने उन्हें यह चिराग बेचा तो उन्होंने बताया कि यह चिराग 2 साल तक उपयोग नहीं कर सकते हैं यदि ऐसा किया तो परिवार में कोई गंभीर घटना भी हो सकती है. इन्हीं सबके बीच मेरे बेटे को भी गंभीर बीमारी हुई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा”.
डॉक्टर साहब ने जानकारी देते हुए बताया, कि
” तांत्रिकों ने मेरे बेटे को शाप दिया था, अगर 50 लाख रुपए नहीं दिए तो वह सब मिलकर परिवार के सदस्यों को शाप देकर काले जादू का उपयोग करेंगे. वे लोग मुझे कोई ऐसी चीज खिलाते थे जिसके कारण मैं और मेरा परिवार उनके नियंत्रण में रहते थे”.
विजिटिंग कार्ड देकर करते थे धोखाधड़ी
पुलिस ने तंग करने वाले तांत्रिकों को आईपीसी की धारा 386 और 420 के तहत गिरफ्तार कर लिया है. ब्रम्हपुरी पुलिस स्टेशन में एस एच ओ सुभाष अत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि,
”ठग करने वाले आरोपियों का कोई खास टारगेट नहीं था, बस भी अपना विजिटिंग कार्ड देकर सभी से यह बोलते थे कि, समस्या हल कर सकते हैं. जिसके बाद लोग उनके झांसे में आ जाते थे और उन्हें लाखों रुपए भी दे देते थे”.