कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान के साथ हुई गोलीबारी में शहीद हुए तरनतारन के सुखबीर सिंह का पूरे सरकारी सम्मानों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बीते शुक्रवार सुबह 5.30 बजे राजौरी में एलओसी पर पाक सेना की गोलीबारी में हलका खडूर साहिब के गांव ख्वासपुर के 22 वर्षीय राइफलमैन सुखबीर सिंह शहीद हो गए। उनकी शहादत की सूचना परिवार को सुबह साढ़े 11 बजे मिली तो उनके माता-पिता के पास पहुंची। पिता कुलवंत सिंह ने बताया कि करीब 11:30 बजे उन्हें जम्मू एंड कश्मीर रेजीमेंट के अधिकारियों की ओर से मोबाइल उनके बेटे के शहीद होने की जानकारी दी गई।
घर वालों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
शहीद सुखबीर सिंह की बहन दविंदर कौर का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। वह बार-बार अपने भाई का चेहरा देखने की बात कर रही थी।शहीद के पिता ने बताया कि उनका बेटा 2 साल पहले 20 साल की उम्र में फौज में भर्ती हुआ था। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जम्मू के राजौरी सेक्टर में उसकी पहली पोस्टिंग थी, वहीं वह शहीद हो गया।
4 महीने पहले आया था घर
शहीद सुखबीर सिंह अपनी बड़ी बहन दविंदर कौर के शादी के मौके पर 4 महीने पहले घर आया था। यही उसकी पोस्टिंग के बाद पहली छुट्टी थी। सुखबीर सिंह नए साल में छुट्टी की तैयारी कर रहा था। शहीद के पिता कुलवंत सिंह ने बताया कि सुखबीर को बचपन से ही फौज में भर्ती होने का शौक था। गांव के स्कूल में अपने पहले सालाना समागम में हिस्सा लेते वक्त भी उसने फौज की वर्दी पहनी थी। उसके बाद उसके मन में हमेशा के लिए फौज की वर्दी पहनने का शौक पैदा हो गया था। सुखबीर सिंह चार बहन भाइयों में से सबसे छोटा था। सुखबीर का बड़ा भाई कुलदीप सिंह मलेशिया में नौकरी करता है। उसकी एक बहन दविंदर कौर की 4 महीने पहले शादी हुई है।
किसानों की हड़ताल में शामिल थे पिता कुलवंत सिंह
सुखबीर के पिता कृषि कानून को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे और वहां पर उनको फोन आया कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया है ।