Harpal Kaur: लड़कियां किसी से कम नहीं होती है इसकी मिसाल आप लोगों को कई बार देखने और सुनने को मिलती हैं। देश में कईं बहादुर लड़कियां है जिन्होंने अपने बलबूते पर कई लड़ाईयां लड़ी हैं और खुद को बुलंदियों पर पहुंचाया है। वहीं पंजाब में एक ऐसी लड़की हैं जो किसी भी तरीके से लड़कों से कम नहीं हैं। उन्होंने अपने बलबूते पर जो मुकाम हासिल किया है वो जगजाहिर है। देशभर में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उस लड़की ने धाक जमाई है। इसके चलते वह वेल्डिंग गर्ल (Harpal Kaur) से नाम से विश्वभर में विख्यात हो चुकी हैं। आइये जानते हैं उस लड़की के बारे में।
पंजाब कि Harpal Kaur ने संघर्षपूर्ण बिताया जीवन
दरअसल हम जिस लड़की कि बात कर रहे हैं उसका नाम हरपाल कौर (Harpal Kaur) है। जो पंजाब की पहली वेल्डर गर्ल के नाम से मशहूर हुई है। पंजाब के लुधियाना और जालंधर के बिल्कुल बीच में फागवाड़ा से 13 किमी दूर गुरा नामक गांव में रहता है। जब वह सिर्फ़ 20 साल की थी, तो उसके पिता ने उसकी शादी कर दी। उसके (Harpal Kaur) ससुराल वालों से मतभेद होने लगे थे। इसलिए वह अपने पिता के साथ रहने लगी। वह अपने साथ 9 साल का बेटा भी ले आई। घर पर उसकी पहले से ही तीन अविवाहित बहनें थीं।
उसके पिता ने उसे ससुराल में रहने के लिए मजबूर करने के बजाय उसे अपनी मर्जी से जीने की आज़ादी दी और उसके फ़ैसले का समर्थन किया। अब 9 साल के बेटे के साथ अपने माता-पिता के घर में रहना लड़की के लिए आसान नहीं था। तलाक़ का केस चल रहा है।
कैसे बनी पंजाब कि पहली वेल्डिंग गर्ल?
हरपाल (Harpal Kaur) को हर रोज़ परिवार और रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़ते थे। अपने पिता से हर रोज़ खर्चा माँगना भी उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाता था। उसने कहीं नौकरी शुरू करके अपनी जिंदगी को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाई। उसके पिता कि वेल्डिंग करके कृषि उपकरण बनाने की दुकान है। दुकान के ऊपर ही उनका घर है।
हरपाल (Harpal Kaur) ने पिता से कहा कि वह दुकान पर ही काम करेगी। मुझे भी उतना ही पैसा दीजिए, जितना आप मजदूर को देते हैं। साथ ही मैं अपने घर पर रहूंगी और सुरक्षित रहूंगी। लड़की वहां 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लोहा वेल्डिंग और उपकरण बनाने का काम करने लगी। वह पंजाब की पहली वेल्डिंग करने वाली लड़की बन गई।
मेहनत और लगन से किया दुकान पर काम
हरपाल (Harpal Kaur) के हाथ इतने साफ थे कि प्रशिक्षित लड़के भी उसके जैसा काम नहीं कर सकते थे। वेल्डिंग की तेज रोशनी से रोज आंखों से पानी निकलता था। लोहा उठाने से हाथ काले पड़ जाते और दर्द होता था। मोजे गर्म होकर जूतों के अंदर पैरों से चिपक जाते, लेकिन इस तरह फंस जाते कि वह उन्हें निकाल भी नहीं पाती।
उसे देखकर कई लड़कियां दुकान पर काम सीखने आती थीं, लेकिन वहां की मेहनत देखकर वे कभी पीछे मुड़कर उस दुकान पर नहीं जाती थीं। हरपाल (Harpal Kaur) रोज सुबह जल्दी उठती और शाम को सबसे आखिर में काम छोड़ती हैं। वह अपने पिता के लिए उतने ही पैसों में दोगुना काम कर देती थी, जितना कोई दूसरा मजदूर एक दिन में करता है, और वह भी बहुत सफाई से।
सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर हुई वायरल
हरपाल (Harpal Kaur) ने वीडियो बनाना शुरू किया। उसने इंस्टाग्राम पर अपनी वेल्डिंग के वीडियो डाले। लोगों को इसके बारे में पता चलने लगा और फिर एक पंजाबी चैनल ने उसका इंटरव्यू लिया, फिर पूरे पंजाब और विदेशों में लड़की की चर्चा होने लगी। भारत के अलावा इंग्लैंड, कनाडा और यूरोप के अन्य देशों से भी लड़की के लिए प्रस्ताव आ रहे थे, लेकिन वह (Harpal Kaur) अपने देश की मिट्टी में रहकर काम करना चाहती है, भले ही उसे कम पैसे मिलें। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लाखों सब्सक्राइबर होने के कारण हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से भी लोग कृषि उपकरण बनवाने के लिए आने लगे। दोनों जगहों पर बेटी की वजह से भगवान सिंह धंजल की दुकान की ख्याति पूरे भारत में फैल गई।
प्रसिद्धि के बाद भी मेहनत में नहीं आई कटौती
अब हरपाल (Harpal Kaur) के पास अपना बैंक अकाउंट है और बहुत सारा पैसा है। लेकिन फिर भी वो हर दिन मेहनत करती है। एक दिन वो दुकान पर मैले-कुचैले कपड़ों और काले हाथों से लोहा वेल्डिंग कर रही होती है, दूसरे दिन बुलेट पर सवार एक खूबसूरत परी की तरह दिखती है।सोशल मीडिया पर उसकी काफी फैन फॉलोइंग हैं।
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