फिल्म इंडस्ट्री में आमतौर पर कैरेक्टर आर्टिस्ट्स को हल्के तौर पर लिया जाता है। लेकिन सीनियर एक्टर ओम प्रकाश (Om Prakash) के साथ ऐसा नहीं था। बल्कि उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि दिलीप कुमार भी उनके सामने अभिनय करने तक से घबराते थे। अगर आप ओम प्रकाश (Om Prakash) को नहीं पहचान पाए तो जान लें कि ये वही एक्टर हैं जो नमक हलाल में अमिताभ बच्चन के दद्दू बने थे। हालांकि अब वह हमारे बीच नहीं है, आज उनकी पुण्यतिथि है, लोगों के दिलों में ओमप्रकाश अभी तक बसे हुए है। आइये आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ओमप्रकाश की निजी जिंदगी के बारे में बताते है।
Om Prakash की पुण्यतिथि
बॉलीवुड अभिनेता ओम प्रकाश (Om Prakash) आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा फिल्मों में निभाए गए किरदार हमेशा उनके प्रशंसको के दिलों में जिंदा रहेंगे। दरअसल बॉलीवुड के सीनियर एक्टर ओम प्रकाश ने 21 फरवरी 1998 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आखिरी दिनों में वे बीमार रहने लगे थे और जानते थे कि नहीं बचेंगे लेकिन अंत समय में उन्होंने अपनी जिंदादिली नहीं छोड़ी। वो अकसर अपने दोस्तों को बुला लिया करते थे और उनके साथ गप्पें मारते थे या फिर रम्मी खेलते थे। यहीं 78 की उम्र में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद अस्पताल में दूसरा दौरा पड़ा और वो कोमा में चले गए जिससे बाहर नहीं आ पाए। ओम जी की एक खास बात थी कि वो जिद्दी बहुत थे। चाहे जान जा रही हो, उन्हें इज्जत बहुत प्यारी थी और अपने मन के फैसले बहुत प्यारे थे।
ओम प्रकाश की लव स्टोरी
ओम प्रकाश (Om Prakash) की लव स्टोरी भी बड़ी मजेदार थी। एक किस्सा शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे एक सिख लड़की से प्यार हो गया था लेकिन लड़की के घरवाले मेरे खिलाफ थे क्योंकि मैं हिंदू था। मेरी मां उनके घर बात भी करने गई लेकिन उसके घरवाले नहीं मानें। इसके बाद जो कुछ हुआ उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
ओमप्रकाश की जिंदगी का एक किस्सा
एक दिन ओमप्रकाश (Om Prakash) पान की दुकान पर खड़े थे तभी एक विधवा महिला आई और अपनी बड़ी बेटी से शादी करने के लिए ओमप्रकाश से मिन्नतें करने लगी। ओमप्रकाश की आत्मकथा के मुताबिक महिला ने कहा कि वो विधवा हैं और उनकी चार बेटियां हैं जिनमें सबसे बड़ी 16 साल की है। वो मुझे दामाद बनाना चाहती थीं। इस बारे में मेरी मां से भी उनकी बात हो चुकी थी। उन्होंने मेरे आगे अपना पल्लू फैलाया और विनती की कि मैं उनकी बेटी से शादी कर लूं। फिर क्या था मैंने अपने प्यार को भुला दिया और उस महिला की लड़की से शादी कर ली।
एक्टिंग के साथ फिल्म निर्माण में आजमाया था हाथ
एक्टिंग के साथ-साथ ओम प्रकाश ने फिल्म निर्माण में भी हाथ आजमाया। ओमप्रकाश (Om Prakash) ने ही फिल्मों में गेस्ट रोल का चलन शुरू किया था। उन्होंने 60 के दशक में फिल्म संजोग, जहांआरा और गेटवे आफ इंडिया जैसी फिल्में बनाईं। आखिरी दिनों में वे बीमार रहने लगे थे और जानते थे कि नहीं बचेंगे। ओम प्रकाश को दिल का दौरा पड़ने पर उन्हें मुंबई में ही लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां वह कोमा में चले गए। 21 फरवरी, 1998 को उन्होंने आखिरी सांस ली।