इंडियन ओशेन के साथ अपने 30 साल पूरा होने पर गायक और बास गिटारिस्ट राहुल राम को लगता है कि पिछले तीन दशकों में बैंड उनके जीवन का मुख्य आधार बन चुका है।अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने हंसते हुए कहा, “स्पष्ट है कि हम यह प्रेमवश कर रहे थे, न कि पैसों के लिए। हम कहीं भी जाते, तो लोगों ने हमेशा अधिक की मांग की। मुझे लगता है कि यही वह चीज है, जो हमें आगे बढ़ा रहा है।”
राहुल के अनुसार बैंड टूटने का कारण अंहकार
राहुल ने कहा कि “अधिकांश बैंड अहंकार के कारण टूट जाते हैं, क्योंकि लोग अब एक दूसरे के साथ अधिक तालमेल नहीं बिठा पाते हैं। यहां तक कि जो लोग कॉलेज में एक साथ परफॉर्म करने के बाद पेशेवर बनते हैं, वे भी शायद ही कभी 10 से अधिक सालों तक टिक पाते हैं। बेशक ‘परिक्रमा’, ‘यूफोरिया’ और कुछ अन्य बैंड एक अपवाद हैं। इसलिए मुझे लगता है, उम्र एक बड़ा फैक्टर है जो परिवर्तन लाता है और यह बात कि हम जो कुछ कर हैं, वह प्रेमवश कर रहे हैं, जैसे नई ध्वनियों का प्रयोग और उनका निर्माण करना।”
बॉलीवुड़ के प्रति क्या थी राहुल की प्रतिक्रिया
‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘पीपली लाइव’, और ‘मसान’ जैसी फिल्मों के साथ बॉलीवुड में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए राम कहते हैं कि हालांकि उन्हें इन फिल्मों का हिस्सा बनने पर मजा आया, लेकिन उन्हें पूरी तरह से बॉलीवुड व्यक्ति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “वह एक दलदल है जिसे मैं दूर रहना चाहता हूं।”
कौन है ये राहुल राम
राहुल राम का जन्म एक दक्षिण भारतीय परिवार में हुआ था, जो प्रख्यात वनस्पतिशास्त्री स्वर्गीय प्रोफेसर एच. वाई. मोहन राम के बेटे हैं, और स्वर्गीय शारदा प्रसाद के भतीजे हैं, जिन्हें इंदिरा गांधी के मीडिया सलाहकार के रूप में जाना जाता था।