स्वर कोकिला Lata Mangeshkar का क्रिकेट से रहा है खास लगाव, जब विश्व विजेता टीम को देने के लिए बीसीसीआई के पास नहीं थे पैसे, लता दी ने बड़ा दिल दिखाते हुए किया था ये काम

आज हिंदी सिनेमा समेत पूरे देशवासियों को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 8 बजकर 12 मिनट पर आखिरी सांस ली। इसकी जानकारी उनकी बहन उषा मंगेशकर ने दी। वैसे तो लता जी के जीवन को लोग करीबी से जानने के लिए बेहद ही उत्सुक रहते है। लेकिन क्या आपको पता है कि लता जी का क्रिकेट से काफी खास लगाव था। उन्हें क्रिकेट देखने का बेहद शौक था। आइये आज इस आर्टिकल के जरिए जानते है लता दीदी और किक्रेट के बीच कैसा संबंध था।

1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के लिए किया था ये काम

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दरअसल साल 1983 में कपिल देव की अगुआई में भारतीय टीम जब पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर आई थी तो उस समय बीसीसीआई के पास खिलाड़ियों और अपने स्पोर्ट स्टाफ को देने के लिए पैसे नहीं थे। बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे उस समय अपनी विनिंग टीम के खिलाड़ियों को इनाम देना चाहते थे, लेकिन पैसे की कमी के चलते वह ऐसा नहीं कर पा रहे थे।

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साल्वे ने साल 2008 में एक कार्यक्रम में इस बात का खुलासा किया था कि जब विश्वकप जीतकर टीम आई तो पुरस्कार स्वरूप देने के लिए पैसे तक नहीं थे। मीटिंग के बाद सुनील गावस्कर उनसे मिलने के लिए पहुंचे। उनके साथ कपिल देव भी थे। उस वक्त गावस्कर आए और पुरस्कार राशि के बार में पूछा। साल्वे ने बताया कि बोर्ड के पास इतना पैसा नहीं है लेकिन वो कोशिश करेंगे। तब साल्वे ने लता मंगेशकर से मदद मांगी। लता दीदी ने इसके लिए​ बिलकुल भी मना नहीं की।

भारतीय टीम के लिए किया था संगीत कार्यक्रम

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बता दें लता दीदी ने लंदन से आने के बाद दिल्ली के इंद्रप्रस्थ स्टेडियम में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम में भाग लिया था और 20 लाख रुपये जुटाए थे। यह 4 घंटे का कंसर्ट था। सुनील गावस्कर और कपिल देव उनके पास खड़े नजर आए थे। इतना ही नहीं उनके भाई हृदयनाथ ने विशेष रूप से एक गीत की रचना की, जिसे टीम के सभी सदस्यों ने गाया था। कंसर्ट के बाद टीम के सदस्यों को एक-एक लाख रुपये दिए गए। उस जमाने में खिलाड़ियों को कम पैसे मिलते थे। 2011 में तो वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सभी सदस्यों को दो-दो करोड़ रुपये बीसीसीआई के तरफ से मिले थे। लता जी ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उस वाकये के बारे में विस्तार से बताया था। उन्होंने कहा था, “मैच से पहले तनाव भरा माहौल था। धीरे-धीरे मैच आगे बढ़ रहा थे

लता दीदी के लिए बीसीसीआई सीट रखता था रिजर्व

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बीसीसीआई और तत्कालीन खिलाड़ियों ने लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) के इस योगदान को हमेशा याद रखा। इसके बाद यह फैसला किया गया कि लता जी तक जीवित रहेंगी, भारत के हर स्टेडियम में मैच देखने के लिए उनके लिए बीसीसीआई एक सीट रिजर्व रहेगी।