Ranu-Mondal-Life-Story

Ranu Mondal: पुरानी कहावत है अगर भिखारी को सोने का कटोरा भी दे दो, तब भी वह भीख ही मांगेगा। रानू मंडल, एक ऐसा ही नाम है जिसे पैसा भी मिला और शोहरत भी। लेकिन सफलता जितनी जल्दी आई, उतनी ही जल्दी उनसे दूर भी हो गई। पश्चिम बंगाल की इस साधारण महिला ने रेलवे स्टेशन पर गाने से लेकर बॉलीवुड तक का सफर तय किया।

इंटरनेट सेंसेशन बनी रानू मंडल (Ranu Mondal) अब बदहाली में जी रहीं हैं। आइए जानते हैं रानू मंडल की पूरी बायोग्राफी, जिसमें शामिल है उनका बचपन, करियर, विवाद और मौजूदा जीवन।

प्रारंभिक जीवन और परिवार

रानू मंडल (Ranu Mondal) का जन्म 5 नवंबर 1960 को एक गरीब परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें संगीत का शौक था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी और गाने का सपना भी अधूरा रह गया। कम उम्र में ही उनकी शादी बबलू मंडल से हुई, लेकिन किस्मत ने जल्द ही फिर करवट ली। उनके पति के निधन के बाद रानू की जिंदगी एक बार फिर गहरे अंधेरे में डूब गई।

विवरण जानकारी
पूरा नाम रानू मारिया मंडल
जन्म 5 नवंबर 1960
जन्म स्थान कृष्णानगर, नादिया जिला, पश्चिम बंगाल
उम्र (2025 तक) 64 वर्ष
धर्म ईसाई
वैवाहिक स्थिति विधवा

गरीबी और संघर्ष

पति की मौत के बाद रानू मंडल (Ranu Mondal) बदलेश्वर रेलवे स्टेशन पर गाना गाकर परिवार का गुजारा करती थीं। राहगीरों से मिलने वाले कुछ पैसे और खाना ही उनका जीने का इकलौता सहारा था। लेकिन इन सब के बीच उन्हें कई बार अपमान का भी सामना करना पड़ता था। इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी से कभी शिकायत नहीं की और गाना गाती रहीं।

कैसे बनी स्टार?

साल 2019 रानू मंडल (Ranu Mondal) की जिंदगी में नई खुशियां लेकर आय। दरअसल, रेवले स्टेशन पर वे लता मंगेशकर का मशहूर गाना “एक प्यार का नगमा है” गा रही थीं। उसी समय गुजरते हुए राहगीर अतिंद्र चक्रवर्ती ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। ये वीडियो कुछ ही घंटों में वायरल हो गया और करोड़ों लोगों के पास पहुंच गया।

बॉलीवुड में एंट्री

“एक प्यार का नगमा है”  वीडियो वायरल होने के बाद रानू मंडल (Ranu Mondal) को कई टीवी शोज़ में बुलाया गया। सोनी टीवी के शो सुपरस्टार सिंगर पर जब वे आईं तो म्यूज़िक डायरेक्टर हिमेश रेशमिया ने उन्हें गाना ऑफर किया। दोनों ने मिलकर ‘Happy Hardy And Heer’ में ‘तेरी मेरी कहानी’ गाना गाया। इस गाने के बाद रानू को “लता मंगेशकर की दूसरी आवाज़” तक कहा जाने लगा।

वर्ष गाना / ट्रैक फिल्म / विवरण
2019 तेरी मेरी कहानी फिल्म: हैप्पी हार्डी एंड हीर
2019 आशिकी में तेरी (रीमिक्स) स्वतंत्र रिलीज़ / रीमिक्स वर्ज़न
विविध कई अनरिलीज्ड ट्रैक्स रिकॉर्ड किए गए लेकिन जारी नहीं हुए

लोकप्रियता और विवाद

ये वो वक्त था जब रानू मंडल (Ranu Mondal) की लोकप्रियता ही उनकी दुश्मन बन गई। सोशल मीडिया पर उनकी मेकओवर वाली तस्वीरें खूब वायरल हुईं और लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू हो गया। इसके बाद रानू ने अपने कई इंटरव्यू में अहंकारी जवाब दिए, जिसकी वजह से प्यार देने वाले ही उनसे नफरत करने लगे। बात यहीं नहीं रूकी, कुछ समय बाद उनकी आवाज़ और पर्सनालिटी को लेकर भी मीम्स बनने लगे। इन विवादों के चलते रानू मंडल की लोकप्रियता कम होने लगी और उन्हें काम नहीं मिल पाया।

रानू मंडल का परिवार

रानू मंडल (Ranu Mondal) की एक बेटी भी है, जिसका नाम सत्या मंडल है। हालांकि वह अपनी मां से दूर रहती थी, लेकिन वायरल होने के बाद वह फिर से अपनी मां के करीब आ गई। फिलहाल, रानू मंडल अकेले रह रही हैं और बदहाली में जी रहीं हैं। उनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। कभी लोगों ने उन्हें बहुत प्यार दिया तो कभी नफरत भरे तंज कसे।

रानू मंडल की आय और नेटवर्थ

रेलवे स्टेशन के जरिये रानू मंडल (Ranu Mondal) प्रतिदिन 100 से 200 रूपये कमाती थीं। लेकिन वायरल होने के बाद उन्हें एक गाने के लिए 2 लाख रूपये मिलते थे। टीवी शोज़ और इंवेट्स के द्वारा वह 1 लाख तक कमा लेती थी। लेकिन वर्तमान समय में वह दो वक्त की रोटी के लिए भी अपने पड़ोसियों पर निर्भर हैं।

स्रोत अनुमानित आय विवरण
रेलवे स्टेशन पर गाना ₹100–200 प्रति दिन शुरुआती संघर्ष का समय
बॉलीवुड गाना ₹2–3 लाख प्रति गाना हिमेश रेशमिया के साथ
टीवी शोज़ और इवेंट्स ₹50 हजार – ₹1 लाख प्रति एपिसोड रियलिटी शोज़ से इनकम
वर्तमान स्थिति 0 इनकम पड़ोसियों पर निर्भर

रानू मंडल की उपलब्धियाँ

1. साधारण रेलवे स्टेशन सिंगर से बॉलीवुड की सिंगर कहलाना।

2. सोशल मीडिया की वजह से मिली नई पहचान।

3. लाखों लोगों को यह प्रेरणा देना कि टैलेंट कहीं भी छिपा हो सकता है।

वर्तमान में क्या कर रही हैं रानू मंडल?

रानू मंडल (Ranu Mondal) आज भी पश्चिम बंगाल में रहती हैं। उनकी लोकप्रियता पहले जैसी नहीं रही, लेकिन आस-पास के लोगों की मदद से वह अपनी जिंदगी गुजार रही हैं। फैंस रानू मंडल को अब भी नहीं भूले हैं और उनके गानों को अब भी उतना ही पसंद करते हैं।

निष्कर्ष

रानू मंडल (Ranu Mondal) का संघर्ष हमें जीवन के दो अहम सबक सिखाता है। पहला सबक यह कि यदि आपके भीतर सच्ची प्रतिभा है, तो देर-सबेर उसकी पहचान ज़रूर होगी और सफलता आपके कदम चूमेगी। रानू की गायकी ने उन्हें रेलवे स्टेशन की भीड़ से उठाकर सीधे बॉलीवुड के मंच तक पहुँचा दिया। दूसरा सबक यह है कि सफलता मिल जाने के बाद भी हमें अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमेशा विनम्र रहकर दूसरों के प्रति करुणा और नर्मी बनाए रखनी चाहिए।

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Preeti Baisla is a content writer and editor at hindnow, where she has been crafting compelling digital stories since 2022. With a sharp eye for trending topics and a flair for impactful storytelling,...