Sharmin Segal: इन दिनों संजय लीला भंसाली और ‘हिरामंडी’ का कास्टिंग क्रू सीरीज के सक्सेस को एन्जॉय कर रहा है। इस सीरीज में कास्ट किए गए कई कलाकारों को दर्शकों से खूब वाह वाही मिली है, वहीं कुछ ऐसे कलाकार भी हैं जिन्हें ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा है। फैंस के गुस्से का सामना अलामजेब का रोल निभाने वाली शर्मिन सहगल (Sharmin Segal) को करना पड़ा है। हालांकि एक्ट्रेस को अपनी अदाकारी पर कोई शक नहीं हैं बल्कि, उन्होंने अपनी तुलना मीना कुमारी से कर दी है। अब मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Sharmin Segal के दावे पर क्या बोले ताजदार
एक टीवी इंटरव्यू में बात करते हुए शर्मिन (Sharmin Segal) ने कहा की उन्होंने आलमजेब का रोल निभाने के लिए पाकीजा में मीना कुमारी की शून्यता को अपनाने की कोशिश की। शर्मिन सहगल (Sharmin Segal) के इस बयान को लेकर अब दिवंगत एक्ट्रेस मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार अमरोही ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने शर्मिन के दावे को गलत बताते हुए कहा कि हीरामंडी और पाकीजा के बीच जमीन आसमान का फर्क है। जिस कारण इन दोनों की तुलना करना ही बेवकूफी है। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा की चाहे कोई कितना भी दम लगा ले लेकिन कोई भी पाकीजा नहीं बना सकता और ना ही कमाल अमरोही और मीना कुमारी जैसा काम दोबारा किया जा सकता है।
ताजदार ने भंसाली पर लगाया बड़ा आरोप
इस दौरान शर्मिन (Sharmin Segal) पर हमला करने के साथ ही ताजदार ने संजय लीला भंसाली पर भी एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि “भंसाली मेरे पिता की कॉपी करने की कोशिश करते हैं” ताजदार ने आगे कहा कि ‘मैं इस मामले पर कुछ कहना नहीं चाहता, क्योंकि भंसाली मेरे पिता के काफी बड़े फैन हैं। वो हर शॉट को उसी तरह से फिल्माने की कोशिश में लगे रहते हैं जैसे मेरे पिता किया करते थे। मुझे याद है, भंसाली एक बार कमालिस्तान स्टूडियो में आए थे।
इस दौरान उन्होंने मुझसे पूछा था कि तुम्हारे पिता कहां बैठते थे, कहां चलते थे? और जब मैंने उन्हें वो जगह दिखाई तो उन्होंने तुरंत सम्मान के साथ उस जगह पर हाथ रखा, ये लगभग 15 साल पहले की घटना है और इसके बाद मैं उनसे दोबारा कभी नहीं मिला। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि ये मुमकिन है कि कुछ लोगों को पाकीजा से ज्यादा हीरामंडी अच्छी लगी हो लेकिन शर्मिन सहगल (Sharmin Segal) को मैं नहीं जानता, इसलिए उनके बयान से रिलेट भी नहीं कर सकता।’
पाकीजा और हीरामंडी में है अंतर- ताजदार
ताजदार ने आगे पाकीजा और हीरामंड को अलग अलग बताते हुए कहा कि “ये दोनों ही काफी अलग अलग हैं क्योंकि पाकीजा में लखनऊ की एक तवायफ की कहानी बताई गई है। जबकि हीरामंडी लाहौर के एक रेड लाइट एरिया की तवायफों की जिंदगी पर आधारित है। शायद होनों ही तवायफों पर आधारित हैं इसलिए दर्शकों ने इसकी तुलना की हो लेकिन पाकिजा और हीरामंडी में जमीन और आसमान का फर्क है”।
आपको बता दें की ‘हीरामंडी’ में शर्मिन (Sharmin Segal) को ट्रोलिंग का शिकार होना पड़ा था और उनके बारे में कहा जा रहा था कि उन्होंने किरदार में कोई इमोन नहीं दिखाए जिसके बाद खुद शर्मिन ने कहा था कि वो पाकिजा की मीना कुमारी जैसा रोल कर रही थी। जिसके बाद से लोग हीरामंडी और पाकीजा के बीच तुलना करने लगे थे।