Shashi Kapoor: हिंदी सिनेमा में सिर्फ एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि एक्टर भी अपनी पर्सनालिटी के लिए जाने जाते हैं। एक्टर का चार्मिंग लुक उन्हें लड़कियों का दीवाना बना देता है। इन्हीं में से एक है कपूर खानदान के बेटे शशि कपूर (Shashi Kapoor) का। उनकी सुंदरता और अभिनय प्रतिभा का जादू सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी देखा गया। ऐसे में आज हम आपको उनकी बर्थ एनिवर्सिरी पर उनसे जुड़े कुछ किस्से बताते हैं।
Shashi Kapoor को देख दीवाना हो गई थी ये एक्ट्रेस

शशि कपूर (Shashi Kapoor) की पर्सनालिटी पर लाखों लड़कियां मरती थीं। एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने जब पहली बार उन्हें कश्मीर की कली फिल्म के सेट पर देखा था, जब वो अपने भाई शम्मी कपूर से मिलने आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक उस पल को याद करते हुए शर्मिला कहती हैं कि शशि कपूर की हैंडसम पर्सनालिटी ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया था।
उनकी सुंदरता सिर्फ भारतीय अभिनेत्रियों को ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को भी प्रभावित करती थी। फेमस इतालवी एक्ट्रेस लीना लोलोब्रिजीडा भी शशि कपूर के आकर्षण से बच नहीं सकीं। वो भी उनके लुक्स की दीवानी हो गई थीं।
एक्टिंग में बेमिसाल थे Shashi Kapoor

हालांकि शशि कपूर (Shashi Kapoor) की सुंदरता के चर्चे हर तरफ होते थे, लेकिन उनकी एक्टिंग भी उनती ही प्रभावशाली थी। श्याम बेनेगल और यश चोपड़ा जैसे निर्देशकों ने उनके टैलेंट को पहचाना। यश चोपड़ा की फिल्म दीवार में उनका डायलॉग मेरे पास माँ है आज भी सिनेमाप्रेमियों के दिलों में गूंजता है।
श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी फिल्मों जुनून और कलयुग में उन्होंने अपनी एक्टिंग का शानदार प्रदर्शन किया। उनके एक्टिंग की गहराई को उनके कॉम्पिटिटर्स अभिनेताओं और निर्देशकों ने खूब सराहा था।
ऐसी रही Shashi Kapoor की प्रेम कहानी

शशि कपूर (Shashi Kapoor) की लव स्टोरी की बात करें तो ये किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। एक्टर जेनिफर केंडल से प्यार करते थे। दोनों की मुलाकात पृथ्वी थिएटर के दौरान हुई थी। जेनिफर के पिता को ये रिश्ता पसंद नहीं थी, लेकिन शम्मी कपूर और गीता बाली के सपोर्ट में दोनों ने शादी कर ली थी। जेनिफर और शशि का रिश्ता बेहद मजबूत था। शशि कपूर एक एक्टर ही नहीं बल्कि सफल निर्माता भी थे। उन्होंने फिल्म जुनून, कलयुग, 36 चौरंगी लेन, विजेता और उत्सव जैसी शानदार फिल्मों का निर्माण किया।
इन फिल्मों को क्रिटिक्स द्वारा खूब सराहा गया, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर वो ज्यादा सफल नहीं हो सकी। इसके बावजूद शशि कपूर (Shashi Kapoor) ने कभी भी कला सिनेमा से समझौता नहीं किया। साल 1984 में जेनिफर के निधन के बाद शशि कपूर पूरी तरह टूट गए और उन्होंने खुद को फिल्मों से दूर कर लिया। उनका वजन बढ़ता गया और सेहत भी बिगड़ने लगी। अपने अंतिम दिनों में वो व्हीलचेयर पर थे और उनकी याददाश्त भी कमजोर हो चुकी थी।
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